Thursday, March 8, 2018


ख़ुद बड़ो आगे - तुम इंसानियत में आगे निकल सकते हो
किसी के पिछलग्गू होकर - क्यों हैवानियत किया करते हो???

क्यों बुध्दू बने हो कि - तुमसे इंसानियत का कोई तकाजा नहीं??
मेरे भाई क्या - तुम ख़ुद को क्या इंसान नहीं समझते हो??

ख़ुदा नहीं तुम - किसी को ज़िंदगी दे सको
हैवान बनके - क्यों किसी की जान लेते हो

रोज के ख़ून-ख़राबा में क्या - तुम ज़िंदगी ढूँढ़ते हो ??
ग़लत है यह - ज़िंदगी की हसरत जिसे , मासूम अकाल मारा जाता है

हमें शिकायत होती कि - "आज ज़माना ख़राब है"
ज़रा हम खुद तो - 'ज़माने से कुछ हटके' बन जायें

जन्नत कहीं भी हो मगर - किसी के पहलू में नहीं
क्यों तुम - किसी सेलिब्रिटी के पिछलग्गू होने में समय गँवाते हो???

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