दुनिया की नज़र में हमारी कोई अहमियत नहीं
ग़र दुनिया के लिए हम कुछ करके नहीं देते हैं
प्यार जिसे आज कहते - वह उफ़ान है कुछ वक़्त का
जिसे कहते थे प्यार पहले - ताउम्र सलामती देता था
हमारी दुआ तुम्हारे लिए - तुम्हें ख़ुशनसीबी से प्यार ऐसा मिले
आज का बातों वाला नहीं - पहले सा ता-उम्र निभने वाला मिले
किसी की बराबरी - या उस से आगे की स्पर्धा क्यों ???
अपनी प्रतिभा से खुद बढ़ें - हासिल मंज़िल अनूठी होगी
स्वयं प्रकाशित हो हम - औरों का पथ-प्रदर्शन करें
सबकी भावनायें समझ हम - अपना आत्म-दर्शन करें
जो मोहब्बत उसकी गहरी होती
उसे कभी नहीं आपसे नफ़रत होती
मोहब्बत , नफ़रत में कभी बदल नहीं सकती
मोहब्बत में , ताकत नफ़रत को बदल सकती है
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