Thursday, March 15, 2018



दुनिया की नज़र में हमारी कोई अहमियत नहीं
ग़र दुनिया के लिए हम कुछ करके नहीं देते हैं

प्यार जिसे आज कहते - वह उफ़ान है कुछ वक़्त का
जिसे कहते थे प्यार पहले - ताउम्र सलामती देता था

हमारी दुआ तुम्हारे लिए - तुम्हें ख़ुशनसीबी से प्यार ऐसा मिले
आज का बातों वाला नहीं - पहले सा ता-उम्र निभने वाला मिले

किसी की बराबरी - या उस से आगे की स्पर्धा क्यों ???
अपनी प्रतिभा से खुद बढ़ें - हासिल मंज़िल अनूठी होगी


स्वयं प्रकाशित हो हम - औरों का पथ-प्रदर्शन करें
सबकी भावनायें समझ हम - अपना आत्म-दर्शन करें

जो मोहब्बत उसकी गहरी होती
उसे कभी नहीं आपसे नफ़रत होती

मोहब्बत , नफ़रत में कभी बदल नहीं सकती
मोहब्बत में , ताकत नफ़रत को बदल सकती है



 

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