Tuesday, July 12, 2016

'अनमोल जीवन'

हमारी इस पहचान वाले 'अनमोल जीवन' का एक एक पल हमारा अपना है , शिकायती दृष्टि रख , अभाव के नाम पर दुःखी होकर ,कुछ खो देने के भय में या किसी से ईर्ष्या रख जलने से , हम स्वयं अपने उन पलों को ख़राब करते हैं। जिस उत्कृष्ट -उत्कर्ष पर पहुँचने की क्षमता हमें 'रचने वाले' ने दी है , उसे ना पाने के कारण स्वयं को और उस चित्रकार (भगवान कह सकते हैं) को निराश करते हैं।
--राजेश जैन
13-07-2016

हम स्वयं ही

जीवन के एक एक पल का सदुपयोग यदि हम नहीं कर पाते तो , "हम स्वयं ही" कुछ खोते हैं , अन्य कोई नहीं।
--राजेश जैन
13-07-2016