Tuesday, April 30, 2019

बेवज़ह नहीं कि कोई हमें सताता है
वज़ह प्यार है कि दिल बेचैन हो जाता है

जुबां ना कहे, आँखे भी कह न सकें
ज़माने तुझसे ऐसे भी सवाल हैं मेरे


Friday, April 26, 2019

किसी के नज़दीक उतने ही जाईये
नज़दीकी उसकी घुटन न बन जाये

दिल दुखाना किसी का हम चाहते नहीं
थोड़ी ख़ुशी तन्हाई में हम तलाश लेते हैं

Wednesday, April 24, 2019


ज़्यादा हमें हैं तो शायद औरों को गम कम होंगे
यह ख्याल हमारे दिल को बहलाने को काफी है

जितनी भी है ख़ुशी, हमें ज्यादा की हसरत नहीं
परेशां मगर यूँ हैं कि औरों में ख़ुशी, कम क्यूँ हैं
गर निजी एम्बीशन्स को लेकर मेरी ऊँची उड़ान होतीं, फ़िक्र होती मगर
उड़ान भरता मैं इंसानियत की ख़ातिर, बेफ़िक्र कि पर कतरे जा सकते हैं

Monday, April 22, 2019

गुजरे वक़्त में नाम किया हो तुमने तो उसे बनाये रखना
ग़र हुये बदनाम बुरे काम से तो वक़्त रहते सुधार करना

Sunday, April 21, 2019


थोड़े में ज्यादा समझ लेने की प्रतिभा आ जाने से

अब वक़्त न होता कि कोई विस्तार से पढ सके

गठबंधन तो बस स्वार्थ की जोड़ तोड़ है निस्वार्थ जुड़ने को लगती न कोई डोर है

वक़्त का है बदलने का मिज़ाज, नहीं रोक पाऊँगा मैं बदल रहे वक़्त को अच्छी दिशा मोड़ जाऊँगा


अब वादे वफ़ा ताउम्र कायम नहीं रहते
अब नज़रें हुस्न पर ठहरती जो कायम नहीं रहते

ग़र मैं न बनाना चाहूँ किसी को दुश्मन अपना
कोई नहीं होगा इस जहान में दुश्मन मेरा

Friday, April 19, 2019

उफ़ यह जुर्म हमसे हुआ कैसे
मर गए उनके पीछे हमने बताया कैसे
हमारे मरने का राज सीने में दफन जाता
अच्छा था कोई उन्हें गुनहगार न बताता

खुद्दार मैं, मेरे लबों पर शिकायतें कभी होती नहीं
ज़िंदगी के कमज़ोर पलों ने मगर बेबस किया था

Thursday, April 18, 2019

उफ़्फ़ यह जुर्म हमसे हुआ कैसे

मर गए आपके पीछे हमने बताया कैसे

हमारे मरने का राज सीने में दफन जाता अच्छा था कोई उन्हें गुनहगार न बताता

Saturday, April 13, 2019

दुनिया से लेते रहा ताउम्र, बहुत कुछ तू
लाया था इंसानियत, वह दुनिया को दे सका तू?


इंसानियत नहीं थी , कोई बहुत मुश्किल सी बात
बस इतनी ही समझ थी- "जैसी तुझे चाहिए वैसी ही ख़ुशी सभी को चाहिए थी"

Saturday, April 6, 2019

ज़िंदगी के सफ़र में अब 'चुक' गया है वह

लिखना आता था लिख 'कुछ' गया है वह

वक़्त था जब सब अपनी ओर खींचने को मन करता था वक़्त आया अब हाथ से जाता हुआ भी मन खुश करता है

इश्क़ तुमसे होना था, हो तो वह गया ख़ुशी मिली या दर्द, गिला न रह गया