Wednesday, September 30, 2015

श्रध्दानत पत्नी


श्रध्दानत पत्नी
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बाईस वर्ष से , जीवन उनका
बाईस वर्ष से , जीवन अभिलाषा
लाड़ दुलार से पली बिटिया उनकी
उसे ,परिणीता बना कोई ले जाता

जीवन आधार चला गया उनका
सूना सूना घर आँगन हो जाता
हँसने से उसके मिलती थी ऊर्जा
जाने से जीवन लक्ष्य खो जाता

तिस पर भी निभा समाज परंपरा
माँ-पापा ,हृदय खुशियों से भर जाता
दुःख ,अकेलापन  परिवार में सहते
बेटी की ख़ुशी में मन ख़ुश हो जाता

लेकिन उनकी प्यारी उस बेटी पर
ससुराल में अत्याचार किया जाता
जीवन निधि सौंपी जिनको ,वह
परिवार ,बेटी का सम्मान नहीं देता

ठगे से रह जाते माँ -पापा बेटी के
जब बिटिया जीवन ख़ुशी न पाती
ब्याह वचनों को  भूले पति द्वारा
पत्नी ,उपहास लक्ष्य बनाई जाती 

घर में ब्याहता पत्नी होते हुए
बाहर नारी पर बुरी नियत रखते
फ़िल्मी सेलेब्रिटीस की तर्ज पर
सुंदर युवती से कामेच्छा रखा करते

पत्नी , को रानी तरह खुश जो नहीं रख सकता
अपात्र है पढ़ा लिखा ,फिर वह क्यों पति बनता
अशक्त पत्नी को सता ,पीट के वीर बना फिरता
कायर है ,पति ,श्रध्दानत पत्नी पे अत्याचार करता
--राजेश जैन
30-09-2015
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Monday, September 28, 2015

रानी ,कैसे बनती पत्नी ?


रानी ,कैसे बनती पत्नी ?
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राज , नहीं लगता ,
ताज ,नहीं लगता ,
राजा हो जाता वह जो
पत्नी को रानी बना रखता

रानी ,कैसे बनती पत्नी ?
नहीं धन ,बहुत लगता
यथा संभव सुखी रखने के यत्न करता ,पति
वह ,पत्नी को रानी होने की अनुभूति देता

पत्नी के सुख में ,अपना सुख पा लेता
पत्नी धन्य ,स्वयं को रानी समझती है
घर राजमहल सा रखती , अभाव भूल
परिवार को राज परिवार सा रखती है
--राजेश जैन
29-09-2015
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Sunday, September 27, 2015

रानी

रानी
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अपनी पत्नी को रानी बनायें
दूसरी पर न ललचायें
नारी दूसरी भी प्यारी है तो
उनके हितैषी बन जायें "
उनकी सिर्फ इतनी मदद कर दें
कि उन्हें सम्मान और सुरक्षा दे दें

पत्नी ,के रानी होने से
घर राजमहल बनता है
बहन-बेटी इस रीत से
ससुराल में रानी बनती है

तब नहीं होता ,प्रश्न सुरक्षा का 
सम्मान से नारी जीवन होता है
परिवार ,राज परिवार हो जाता
नारी ,रानी -पुरुष ,राजा होता है
--राजेश जैन
27-09-2015
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Saturday, September 26, 2015

बदलती गर्लफ्रेंड

बदलती गर्लफ्रेंड
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अंतरंग संबंध , जो युगल प्रेम की परिणीति हुआ करते हैं
सभ्य हुए मनुष्य समाज में निजी , आवरित रहा करते हैं
मनुष्य जीवन समझ , सीखने का चक्र अब उल्टा घूमा है
मनुष्य सभ्य होने के बाद असभ्यता की ओर बढ़ झूमा है

व्यभिचार लिप्त नारी-पुरुष संबंध खुले दिखाये जा रहे हैं
देह व्यापार ,प्रेम कला कह घर घर दर्शक बढ़ाये जा रहे हैं
सँस्कार जनक ,भारत की संस्कृति ,पाश्चात्यता में डूब रही 
सम्मोहनों की चपेट में जा भारती भी ,व्यभिचार में डूब रही

व्यभिचार विष बेल ,पवित्र पति-पत्नी प्रेम को लील जायेगी
बढ़ते अनाचार ,दुराचार साम्राज्य पवित्र-भूमि में पनपायेगी
स्कूल ,कॉलेज ,हर जगह ,गर्लफ्रेंड तलाशती दृष्टि लड़कों की
हर क्लास में बदलती गर्लफ्रेंड से ,व्यभिचार शिक्षा फैलाएगी

गैर जिम्मेदार आज पीढ़ी का आचरण ,क्या होंगे दुष्परिणाम ?
पति-पत्नी नहीं ,नारी पुरुष की सेक्स पार्टनर बनी रह जायेंगी 
--राजेश जैन
26-09-2015
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Thursday, September 24, 2015

पुरुष को अगला जन्म नारी का


पुरुष को अगला जन्म नारी का
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तीन लोक में विराजित भगवान समीक्षा कर रहे हैं
पुरुष-नारी को दी विशिष्टाओं पर वे गौर कर रहे हैं
पुरुष को शारीरिक बल एवं नारी को ममता शक्ति
फिर ,नहीं क्यों नारी को सम्मान ,चिंतित हो रहे हैं

समक्ष रखी हरेक सामग्री का अवलोकन कर रहे हैं
विज्ञापन में अर्धनग्न ,फिल्मों में प्रदर्शित भौंडापन
शराब बोतल पर नारी मॉडल ,खेलों में चीयर लीडर
नारी शोषण ,सम्मोहन खात्मे के उपाय सोच रहे हैं

कैमरों से सूट किये वीडियो ,चित्रों ने उन्हें चौंकाया है
अश्लील डीवीडी के जखीरे से क्षोभ मन में समाया है
सोशल साइट ,अश्लील कमेंट ,पोस्ट से भरा पाया है
रेप ,छेड़छाड़ समाचारों से समाचार पत्र अटा पाया है

नारी बनाई गई उपहास ,ऐसा सबक देना जरूरी पाया है
नारी गरिमा लौटाई जा सके अब इसका समय आया है
प्रथम दृष्टया उन्होंने पुरुष को इसके लिए दोषी पाया है
पुरुष को अगला जन्म नारी का देने उन्हें विचार आया है
--राजेश जैन
24-09-2015
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Tuesday, September 22, 2015

आइटम सॉंग

आइटम सॉंग
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एक फिल्म निर्माता ने एक सुबह
सभी असिस्टेंट को बुला ,आदेश दिए
मेरी बनाई सभी फिल्मों के प्रिंट की
आप सभी सूक्ष्मता से जाँच करें

इन फिल्मों में जहाँ जहाँ भी ,नारी
उनमें दृश्य ,अश्लील तो नहीं पता करें
जहाँ भी फिल्म में आइटम सॉंग है
सॉंग और दृश्य हटा नए प्रिंट जारी करें

मुहँ लगे एक असिस्टेंट ने समझाया
साहब , फ़िल्में बिज़नेस न दे पायेंगी
इन दृश्यों के लिए किये खर्च ज्यादा
फ़िल्में ,उतनी आय भी न कमा पायेगीं

निर्माता बोले , मुझे कुछ नहीं है सुनना
जो कहा तुम सब को सिर्फ वही है करना

सुनो भगवान , मेरे सपने में कल आये थे
उन्होंने कहा , तुम अगले जन्म में नारी होगे
तुमने फिल्मों में नारी से जो दृश्य करवाये थे 
अभिनेत्री बन तुम्हें वही दृश्य सब करने होंगे

मेरी नींद तबसे उडी है , जो नारी से करवाया
उसे करने की बारी से मेरी जान पर आ पड़ी है
--राजेश जैन
22-09-2105
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Sunday, September 20, 2015

आँखों से नींद , हृदय का चैन खोया है (काल्पनिक)


आँखों से नींद , हृदय का चैन खोया है (काल्पनिक)
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बैचैन हो सोनोग्राफी के वैज्ञानिक ,रात-दिन ,दुनिया में सब तरफ
इकठ्ठे मिल बैठ ,चर्चाओं में उलझ ,मेहनत कर ,दिमाग दौड़ा रहे हैं

गर्भस्थ शिशु लिंगभेद ज्ञात होता है जिससे ,खोज सोनोग्राफी में कर
उस तरंग आवृत्ति* को ब्लॉक करने की पध्दति विकसित कर रहे हैं

पत्रकारों ने बैचैनी की वजह का पता किया तो तथ्य सामने आया है
वैज्ञानिकों का सपने में विश्व में एक साथ ,गॉड से साक्षत्कार हुआ है 
उन्हें उनकी भाषा में ईश्वर ने बताया है , अगला जन्म वैज्ञानिकों का
भारत में होना है ,साथ ही यह भी पुरुष नहीं नारी हो उन्हें जन्मना है

उस रात बाद से गहमा गहमी ये बढ़ी है जन्म हो सके ,गर्भ में न मारे जायें 
लिंग परीक्षण संभव न हो ,चिंता में आँखों से नींद , हृदय का चैन खोया है
(* २० हजार हर्ट्स से अधिक आवृत्ति की तरंगों को मनुष्य सुन नहीं सकते हैं ,उसे पराश्रव्य कहा जाता है।  इस आवृत्ति की तरंगों से सोनोग्राफी तकनीक में शरीर के अंदर की बात चित्र रूप में देखी जाती है )
--राजेश जैन
20-09-2015
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Friday, September 11, 2015

नारी …… गर्व की सूरत है


नारी …… गर्व की सूरत है
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नारी में चेतना के संचार के लिए
नारी वेदना मुक्ति उपाय के लिए
हम नितदिन आव्हान करते रहेंगे 
नारी के यथोचित सम्मान के लिए

हम एकजुट हो , उस दिन तक सक्रिय रहेंगे
नारी के सब कष्ट अथक यत्नों से दूर करेंगे
परिवर्तन ला हम ,ऐसी समाज रचना करेंगे
जिसमें नारी होने में गर्व है ,सब ऐसा कहेंगे

प्रचारित आधुनिकता आज चलन में ऐसी है
छटपटाहट में नारी ऐसी प्रतिक्रियायें देती है
सदियों से सह रही पुरुष शोषण के उपाय में  
कुँये से निकल ,शोषण की खाई में गिरती है

नारी में आत्म विश्वास ऐसा आये
हड़बड़ी में कदम गलत न उठ जाये 

नारी ,पुरुष समतुल्य मनुष्य है
पुरुष से अधिक ,न्याय मूरत है
जननी भी ,वह ममता की मूरत
दयनीय क्यों ,जो गर्व की सूरत है
--राजेश जैन
12-09-2015
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Thursday, September 10, 2015

परिवार

परिवार
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चंचल हृदय लिए विवाहित , ज़माने में निकलते हैं
अपनी ब्याहता के ह्रदय में , वे कु-शंकायें छोड़ते हैं

एकतरफ तो पत्नी से वे ,सुशील आचरण चाहते हैं
दूजी ओर , औरों की पत्नी का शीलाचार डिगाते हैं

छोड़ा यदि शीलाचार ,हमने तो सुख-शांति न बचेगी
व्यभिचार में लिप्तता ,परस्पर विश्वास नष्ट करेगी
हम मनुष्य सभ्य हुए हैं जानवर जैसे नहीं रह सकते
सुखद समाज वातावरण की सदैव हमें जरूरत रहेगी

त्याग ,प्रेम ,करुणा विश्वास से परिवार चला करते हैं
माँ ,बहन ,बेटी पत्नी प्रति दायित्व हमारे जुड़े रहते हैं
अपने परिवार ,अपनी नारियों से जो प्रत्याशा हैं हमारे
पराई नारियों प्रति सम्मान से सुनिश्चित रहा करती हैं
--राजेश जैन
11-09-2015
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Wednesday, September 9, 2015

क्यों ,किसने उसे 'राधे माँ' बनने उकसाया ?


क्यों ,किसने उसे 'राधे माँ' बनने उकसाया ?
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नारी अनेक ,आज प्रतिष्ठा अर्जित कर रहीं
किन्तु कुछ भटकाई गईं ,बदनामी सह रहीं
व्यंग , उपहास एवं तीखे लाँछनों के तीरों से
जीवन से बड़े अभिशाप सहने विवश हो रहीं

भूल अनेक कर पुरुष निर्लज्जता से जी लेता है
कोई भूल हुई नारी से ,अनदेखी ना कर पाता है

नारी की भूलों में पुरुष पीछे और साथ होता है
भूल सच्चाई को ,दोषारोपण नारी पर करता है

पुरुषों निर्मित कुछ मर्यादायें ऐसी हैं समाज में
अपनी बुराइयों में कई तर्कों से बच निकलता है
उसे जीवन भर साथ को चाहिए ,समर्पिता नारी
कृतघ्न हो ,उस कोमल नारी पर क्रूरता करता है

क्यों ,किसने उसे 'राधे माँ' बनने उकसाया ?
इन्द्राणी के मन में ,यों धन मोह क्यों समाया ?
दोष ,चलन व भ्रमित करने वालों के हम ढूँढेंगे ?
या लीपापोती कर इन पर, दूध के धुले बने रहेंगे ?
--राजेश जैन
10-09-2015
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Monday, September 7, 2015

क्यों राधे माँ ,इन्द्राणी ?

क्यों राधे माँ ,इन्द्राणी ?
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पानी में खेलने में ,मजा बहुत आता है
सिर से ऊपर वह कठिनाई बन जाता है
तैरना जिसे आता , तैर निकल आता है
न मिले बचाने वाला ,अन्य डूब जाता है

कामुकता की लहरें सब तरफ ऊँची उठ रही
मजे लेते लेते , भ्रमित पीढ़ी उसमें डूब रही
जो नियंत्रण रखते स्वयं पर ,ही बस बच रहे 
अन्य स्वयं और दूसरों को ले ,उसमें डूब रहे

नियंत्रण रख बचती रही थी अब तक ,नारी
सिर से ऊपर हुई अब कामुकता में ,डूब रही
है खेद हम पुरुषों पर ,जिनकी चपेट में ,नारी
अब ,कोई राधे माँ तो कोई इन्द्राणी बन रही

दोष नहीं नारी में ,स्वयं पुरुष में ढूँढना होगा
क्यों राधे माँ ,इन्द्राणी? उपाय ढूँढ ,करना होगा
--राजेश जैन
 08-09-2015
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