Saturday, March 24, 2018


जीने की हिम्मत रखनी होगी - मरना तो इक दिन होगा ही
फिर हो न हो जीवन और साथ तुम्हारा - जीना तो होगा ही


गहन अवसादों में - युवा क्यों ख़ुदकुशी करते हैं
अधूरे ख्वाबों से इतर हैं वजहें ख़ुशी ख़ुशी जीने की - मिस करते हैं

इस बड़ी दुनिया में लोग हमारे सपने - कैद कर लेते हैं
इक छोटी सी अपनी दुनिया में - आज़ाद हम रह लेते हैं

तारीफ़ के काम - जीते जी किये जाते हैं
मरते हम - तो जल्द भुला दिए जाते हैं

मज़हब के हवाले लिखें तो - ऐतराज करने वाले भी मिलेंगे
बात वही बिन मज़हब जिक्र के लिखें - तारीफ लोग करेंगे

कागज़ है क़लम है वक़्त भी है मगर - नहीं लिखता
कि दिल में आज निहायत निजी - तुम्हारा ख्याल है

जन-साधारण को - अब तक की सब से अच्छी सौगात है फेसबुक
अपने भाव ,अपने विचार ,अपनी योजना - बड़े दायरे में अभिव्यक्त कर सकते हैं हम  

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