Sunday, March 4, 2018

चाहे नहीं दिखाओ तुम प्यारी सी सूरत अपनी
हमारी नज़र सारे अरमां तुम्हारे पढ़ सकती है

चाहे नहीं दिखाओ तुम प्यारी सी सूरत अपनी
हमारी नज़र सारे अरमां तुम्हारे पढ़ सकती है

एक भरोसा था तुम पर कि दिल दे दिया अपना 
अब जिम्मेदारी से इसकी सम्हाल तुम कर लेना 

दिल तुम्हें दे दिया - सिर्फ यह मेरी बात , मेरी फ़िक्र नहीं
दगा न देना कि - दिल लेने-देने के रिवाज़ ख़त्म हो जायें

ज़िंदगी अपनी तो हिसाब क्या करना - ज़िंदगी के ख़्वाब देखते रहिये
आँखों में दर्द हो तब भी - ये ख़्वाब ही हैं जो दिल को सुकून देते हैं

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