बदलाव
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अब बदलाव हमें साफ़ दिखाई देता है
अब जमाना बेटियों को पढ़ने देता है
मुक्त होना उन्हें अर्थ आश्रिता होने से
उन्हें व्यवसाय यह सफलता देता है
अब चुनौती कि सभी पढ़ने निकलें
बेटियाँ गर्भ से सुरक्षित जन्म ले लें
चुनौती कि बेटियाँ मॉडर्न होना सीखें
पुरुष फ़ुसलावों में नहीं आना सीखें
देर रात बाहर होना उनकी मजबूरी है
अकेले यात्रा करना भी होती लाचारी है
पार्टियों में नशेड़ी सामने उनके होते हैं
हैवानियत से बचना उनका जरूरी है
सोशल साइट्स में जमाना रूचि लेते दिखता है
कई तारीफ़ से निकट आने की जुगत करता है
यूँ तो सभी नहीं होंगे दगाबाज़ ऐसा लगता है
मगर किसका करें विश्वास समझना जरूरी है
बदलाव की सही दिशा जरूरी है
शोषण मुक्ति के उपाय जरूरी है
पढ़ना लिखना आधुनिकता उपाय तो सही
पर गलत सम्मोहनों में न फँसना जरूरी है
--राजेश चंद्रानी मदनलाल जैन
19-03-2018
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अब बदलाव हमें साफ़ दिखाई देता है
अब जमाना बेटियों को पढ़ने देता है
मुक्त होना उन्हें अर्थ आश्रिता होने से
उन्हें व्यवसाय यह सफलता देता है
अब चुनौती कि सभी पढ़ने निकलें
बेटियाँ गर्भ से सुरक्षित जन्म ले लें
चुनौती कि बेटियाँ मॉडर्न होना सीखें
पुरुष फ़ुसलावों में नहीं आना सीखें
देर रात बाहर होना उनकी मजबूरी है
अकेले यात्रा करना भी होती लाचारी है
पार्टियों में नशेड़ी सामने उनके होते हैं
हैवानियत से बचना उनका जरूरी है
सोशल साइट्स में जमाना रूचि लेते दिखता है
कई तारीफ़ से निकट आने की जुगत करता है
यूँ तो सभी नहीं होंगे दगाबाज़ ऐसा लगता है
मगर किसका करें विश्वास समझना जरूरी है
बदलाव की सही दिशा जरूरी है
शोषण मुक्ति के उपाय जरूरी है
पढ़ना लिखना आधुनिकता उपाय तो सही
पर गलत सम्मोहनों में न फँसना जरूरी है
--राजेश चंद्रानी मदनलाल जैन
19-03-2018
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