चलो हम क्या हैं - हम स्वयं नहीं कहते हैं
वक़्त मिले तो ये पहचान तुम ही कर लेना
लिखने की कभी कोई ज़हमत हम नहीं उठाते
मेरे दोस्त तुम्हारे लिखने से ग़र हालात सुधर जाते
चलो हम क्या हैं - हम स्वयं नहीं कहते हैं
वक़्त मिले तो ये पहचान तुम ही कर लेना
तुम्हारे ही करने से यदि - सब बेहतर हो रहा होता
यूँ करने का दायित्व लेना हमें कभी ग़वारा न होता
इक कोठी आलीशान - उसकी ऊँची हदें हम भी बनाते
बाहर पास-पड़ोस हमारा यदि - वैभव संपन्न हुआ होता
जो भरोसा हो जाता - बच्चे हमारे मानवता बीच जीते हैं
मेरे मित्र हम भी वक़्त - दोनों हाथों दौलत बटोरने में लगाते
उस वक़्त से कोई शिकायत नहीं - जो अपने में मशगूल चला करता है
गिला उस रीत से , 'ख़राब करने वाला' - दुहाई ख़राब वक़्त की दिया करता है
अच्छा कि देखा है हमने - दुनिया से खाली हाथ जाते लोगों को
अच्छा कि देखा है सब याद करते - परोपकार करते गए लोगों को
दोष कहीं होता - आरोप कहीं और करते हैं
अपने नहीं देखते - दोष अन्य पर मढ़ते हैं
औरों के चरित्र हनन में समय लगाना - जीवन निरर्थक करना है
अपना चरित्र निर्माण कर पाना - हमारा जीवन सार्थक करना है
निष्प्रभावित किसी बात से अपना हम कर दें
जो कर्तव्य हमारा - हम निष्फिक्र पूरा कर दें
पसंद जिन्हें आना होता - हमारा ये रूप भी उन्हें भाता है
भगवान हर इंसान को - चाहने वाला जरूर कोई बनाता है
वक़्त मिले तो ये पहचान तुम ही कर लेना
लिखने की कभी कोई ज़हमत हम नहीं उठाते
मेरे दोस्त तुम्हारे लिखने से ग़र हालात सुधर जाते
चलो हम क्या हैं - हम स्वयं नहीं कहते हैं
वक़्त मिले तो ये पहचान तुम ही कर लेना
तुम्हारे ही करने से यदि - सब बेहतर हो रहा होता
यूँ करने का दायित्व लेना हमें कभी ग़वारा न होता
हम भी औरों की तरह सैर-सपाटा , तफ़रीह किया करते
मेरे मित्र ग़र आप - मानवीय अपेक्षा पर खरे उतरते
बाहर पास-पड़ोस हमारा यदि - वैभव संपन्न हुआ होता
जो भरोसा हो जाता - बच्चे हमारे मानवता बीच जीते हैं
मेरे मित्र हम भी वक़्त - दोनों हाथों दौलत बटोरने में लगाते
उस वक़्त से कोई शिकायत नहीं - जो अपने में मशगूल चला करता है
गिला उस रीत से , 'ख़राब करने वाला' - दुहाई ख़राब वक़्त की दिया करता है
अच्छा कि देखा है हमने - दुनिया से खाली हाथ जाते लोगों को
अच्छा कि देखा है सब याद करते - परोपकार करते गए लोगों को
दोष कहीं होता - आरोप कहीं और करते हैं
अपने नहीं देखते - दोष अन्य पर मढ़ते हैं
औरों के चरित्र हनन में समय लगाना - जीवन निरर्थक करना है
अपना चरित्र निर्माण कर पाना - हमारा जीवन सार्थक करना है
निष्प्रभावित किसी बात से अपना हम कर दें
जो कर्तव्य हमारा - हम निष्फिक्र पूरा कर दें
पसंद जिन्हें आना होता - हमारा ये रूप भी उन्हें भाता है
भगवान हर इंसान को - चाहने वाला जरूर कोई बनाता है
No comments:
Post a Comment