Friday, March 9, 2018

यह कामना हमारी - क्या आप पर कोई ज्यादती है ???

यह कामना हमारी - क्या आप पर कोई ज्यादती है ???
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सर्दी हो , बरसात हो उजाला हुआ भी न हो , बिस्तर छोड़ उठ जाना , चाय - नाश्ता , बच्चों का , आपका टिफ़िन लगाना वर्षों वर्षों यह रूटीन जी लेना , स्वयं से पूछिए क्या आप यह विकल्प चुन सकेंगे??
मैड आई न हो घर की साफसफाई - बर्तन कपड़े की धुलाई , आप करना पसंद करेंगे?? पूछिए स्वयं से।
बच्चे क्यों नहीं आये स्कूल से अब तक , पतिदेव को क्यों देरी हो रही लौट आने में - यह फ़िक्र आये दिन करते रहना - ऐसी फ़िक्र में बेचैन होना आप चाहेंगे ???
ग़लती ख़ुद की न हो पर्याप्त धन घर चलाने को न हो फिर भी हर कमी के लिए बच्चों और पति की नाराज़ी - आहत होते स्वाभिमान लिए जीवन जी लेना - आप पसंद करेंगें ???
हम नहीं कहते कि अपने व्यवसाय , अपनी नौकरी में आपकी मनोवेदना और चुनौतियाँ कम हैं। मगर तनिक हमारी बेबसियों को भी तो आप समझो कि आपकी ख़ुशी के लिए जीते हैं हम - अपनी ख़ुशी और चाहतों को भी भूल चुके हम।
क्या हम समाज में अपने लिए थोड़ा आदर भी न चाहें ??
मनुष्य आप मनुष्य हम - हमें समानता से समाज देखे यह कामना हमारी - क्या आप पर कोई ज्यादती है ???
-- राजेश चंद्रानी मदनलाल जैन
10-03-2018

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