क्षमा वाणी पर्व -- करबध्द हार्दिक क्षमा याचना
क्षमा वाणी में , क्षमा आचरण में ,क्षमा ह्रदय में ,क्षमा कर्म में .
हों ऐसे यत्न हमारे ,सबके लिए हो ,सब लिए हों ,क्षमा जीवन में .
प्रश्न दहेज़ का , पुत्री विवाह प्रसंग पर , करबध्द हो हम क्षमा मांग लें .
हो प्रश्न व्यापार में ,गुणहीन वस्तु प्रदाय का ,स्व लालच से क्षमा मांग लें .
देते लेते सेवा व्यवस्था सार्वजानिक उपक्रमों में ,रिश्वत से क्षमा मांग लें .
मदिरा-मांस परोसे जाने पर , मेजबान से करबध्द हो क्षमा मांग लें .
चरित्र हरने के संभावित स्थलों में ,मित्र साथ निभाने से क्षमा मांग लें .
हिंसक हो अधिकार जताते ,आंदोलित जन से करबध्द हम क्षमा मांग लें .
दे शत्रु मांग पर नेक सलाह हम , वैमनस्य भाव से हम क्षमा मांग लें .
नम्र भाव से कठिन है जीवन , भ्रम ऐसे से करबध्द हम क्षमा मांग लें .
सिध्द कर दें , सर्व जागृति जगा कर ,सुखी जीवन सिर्फ क्षमा भाव में .
जागृत हों जागृति आये ,सबके लिए हो ,सब लिए हों ,क्षमा जीवन में .
हर प्राणी है जीवन अभिलाषी , जीवन सहज है सिर्फ क्षमा भाव में .
उत्तम क्षमा ही उत्तम धर्म है, आज मांगते करबध्द क्षमा सभी से .
सजता स्वरूप है मानव व्यक्तित्व में ,यही क्षमा है वीरस्य भूषणम .
आभूषण है यह निज आत्मा का , धारण करें इसे अपनी भावना में .
क्षमा करें , जानी अनजानी हमारी भूलों को ,दिखते हमें हैं वीर आपमें .
क्षमा पुष्प , क्षमा हीरा है ,बिखरी चहुँ ओर जगमग ,गंध क्षमा वाणी में .
-- राजेश चंद्रानी मदनलाल जैन
28-09-2012
-- राजेश चंद्रानी मदनलाल जैन
28-09-2012