मेरी आँखों को चश्मे की जरूरत है
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गर न देख सकूँ माँ के त्याग - बेटा होकर
मेरी आँखों को चश्मे की जरूरत है
गर न देख सकूँ बहन के त्याग - भाई होकर
मेरी आँखों को चश्मे की जरूरत है
गर न देख सकूँ पत्नी के त्याग - पति होकर
मेरी आँखों को चश्मे की जरूरत है
गर न देख सकूँ बेटी के त्याग - पिता होकर
मेरी आँखों को चश्मे की जरूरत है
गर न देख सकूँ नारी का भयभीत जीवन यापन करना
मेरी आँखों को चश्मे की जरूरत है
--राजेश चंद्रानी मदनलाल जैन
01-03-2018
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गर न देख सकूँ माँ के त्याग - बेटा होकर
मेरी आँखों को चश्मे की जरूरत है
गर न देख सकूँ बहन के त्याग - भाई होकर
मेरी आँखों को चश्मे की जरूरत है
गर न देख सकूँ पत्नी के त्याग - पति होकर
मेरी आँखों को चश्मे की जरूरत है
गर न देख सकूँ बेटी के त्याग - पिता होकर
मेरी आँखों को चश्मे की जरूरत है
गर न देख सकूँ नारी का भयभीत जीवन यापन करना
मेरी आँखों को चश्मे की जरूरत है
--राजेश चंद्रानी मदनलाल जैन
01-03-2018