अपने स्वर्गवासी दादा के सपनों को जीवंत करने वाली पोती
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दादा मदनलाल जी जैन , चाहते थे उनके बच्चे उनका नाम रोशन करें - मरणोपरांत उनका नाम आज रोशन हुआ मुज़फ्फरनगर में। जहाँ उनकी पोती ने वर्धमान हॉस्पिटल के लक्ष्य अंतर्गत एक ऑय कैंप - अपने दादा जी की स्मृति में ऑर्गेनाइज करवाया। दादा जी का नाम रोशन करते हुए - उसने पीड़ितों की पुर्न-रौशनी में निमित्त होने का भला कार्य किया।
यह कैंप वहलना अतिशय क्षेत्र में आयोजित किया गया। जहाँ कैटरैक्ट (मोतियाबिंद) की 400 से अधिक पीड़ितों की निशुल्क जाँच की गई - और और 120 के निःशुल्क ऑपरेशन वर्धमान हॉस्पिटल गाज़ियाबाद से किया जाना तय किया गया। स्मरण रहे कि वर्धमान हॉस्पिटल गाज़ियाबाद पश्चिमी उप्र को मोतियाबिंद (cataract) मुक्त करने के अभियान पर कार्य करता है। मुज़फ्फरनगर में यह संभव हो सका - जैन मित्र मंडल और आदरणीय जोगेश्वर जी जैन , डॉ. हरेंद्र कुमार जैन , सर्वश्री कुलदीप जी जैन , महिपाल जी जैन एवं रत्नेश जी जैन और जैन मित्र मंडल के गणमान्य कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम से।
(किसी की स्वस्थ आँखों का न होना - जीवन को कठिन चुनौती कारक होता है)
--राजेश चंद्रानी मदनलाल जैन
25-03-2018
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दादा मदनलाल जी जैन , चाहते थे उनके बच्चे उनका नाम रोशन करें - मरणोपरांत उनका नाम आज रोशन हुआ मुज़फ्फरनगर में। जहाँ उनकी पोती ने वर्धमान हॉस्पिटल के लक्ष्य अंतर्गत एक ऑय कैंप - अपने दादा जी की स्मृति में ऑर्गेनाइज करवाया। दादा जी का नाम रोशन करते हुए - उसने पीड़ितों की पुर्न-रौशनी में निमित्त होने का भला कार्य किया।
यह कैंप वहलना अतिशय क्षेत्र में आयोजित किया गया। जहाँ कैटरैक्ट (मोतियाबिंद) की 400 से अधिक पीड़ितों की निशुल्क जाँच की गई - और और 120 के निःशुल्क ऑपरेशन वर्धमान हॉस्पिटल गाज़ियाबाद से किया जाना तय किया गया। स्मरण रहे कि वर्धमान हॉस्पिटल गाज़ियाबाद पश्चिमी उप्र को मोतियाबिंद (cataract) मुक्त करने के अभियान पर कार्य करता है। मुज़फ्फरनगर में यह संभव हो सका - जैन मित्र मंडल और आदरणीय जोगेश्वर जी जैन , डॉ. हरेंद्र कुमार जैन , सर्वश्री कुलदीप जी जैन , महिपाल जी जैन एवं रत्नेश जी जैन और जैन मित्र मंडल के गणमान्य कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम से।
(किसी की स्वस्थ आँखों का न होना - जीवन को कठिन चुनौती कारक होता है)
--राजेश चंद्रानी मदनलाल जैन
25-03-2018
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