Friday, March 30, 2018

समय - अब ऑर्गनिक प्रॉडक्ट्स

समय - अब ऑर्गनिक प्रॉडक्ट्स
------------------------------------
50 - 60 वर्ष पीछे जायें तो सभी सामग्री ऑर्गनिक हुआ करतीं थीं। समाज में पैसे का बोलबाला बड़ा तो हमारा किसान , हमारा दूधवाला , हमारा व्यवसायी हर कोई अति व्यवसायी हो गया। जिसे पहले अपने कस्टमर अपने कंस्यूमर के हित , संतुष्टि और स्वास्थ्य की परवाह होती थी , उससे बेपरवाह वह लाभ लोभी ही रह गया। परिणाम जो ऑर्गनिक सामग्री सुलभ थी - वह बची नहीं। किसानों ने , दुग्ध और फल उत्पादकों ने अधिक प्रोड्यूस प्राप्त करने के लिए केमिकल फर्टलाइज़र ,पेस्टसाइड्ज़ और अन्य केमिकल्स का प्रयोग आरंभ कर दिया। इस तरह का उत्पादन व्यवसायिक हित तो सुनिश्चित करने लगा , सस्ती लागत से तैयार खाद्य (फ़ूड) सस्ता होने से व्यवसायी भी लाभ के चक्कर में इसे ही प्रमोट करने लगा। इसका परिणाम खतरनाक आया , जो रोग हमारे देश-समाज में अस्तित्व में नहीं थे , खतरनाक ऐसे रोग आम हो गए। केमिकल फर्टलाइज़र , पेस्टसाइड्ज़ और केमिकल्स का अति प्रयोग खेती , बागानों और दुग्ध उत्पादन में हो जाने से जल , वायु और जमीन विषाणु हो गई। डॉक्टर्स , दवाओं पर वक़्त और व्यय तो बहुत लगने ही लगा लेकिन जीवन का बहुत बड़ा हिस्सा हम स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते , चिंता और तनावों में लगाने को बाध्य हो गए। कह सकते हैं - "जीवन में आनंद की खोज में हम इस तरह निकले , कि जीवन के आनंद ही खो बैठे"। हमें आज ही मान लेना चाहिए कि "समय - अब ऑर्गनिक प्रॉडक्ट्स" का है। उपरोक्त वर्णन से स्पष्ट हो गया होगा कि आखिर ऑर्गनिक प्रॉडक्ट्स हैं क्या?? कुछ सामान्य जिज्ञासायें निम्न उल्लेखित हैं -
1. ऑर्गनिक प्रॉडक्ट्स - वे खाद्य पदार्थ और कॉस्मेटिक्स हैं जिनका उत्पादन - केमिकल फर्टलाइज़र , पेस्टसाइड्ज़ और केमिकल्स के प्रयोग बिना किया जाता है।
2. ऑर्गनिक प्रॉडक्ट्स महँगे क्यों ?? - केमिकल फर्टलाइज़र , पेस्टसाइड्ज़ और केमिकल्स के प्रयोग के बिना किया जाने वाले उत्पादन में हासिल प्रोड्यूस (उपज-निर्माण) अपेक्षाकृत कम मात्रा में होता है। अतः लागत की तुलना में प्राप्त उत्पादन महँगा होता है , इस कारण ऑर्गनिक प्रॉडक्ट्स महँगे होते हैं। साथ ही जब (ऑर्गनिक प्रॉडक्ट्स) उत्पादन महँगा किया जाने वाला है तो उसमें वह बीज प्रयोग किया जाता है जिसकी पौष्टिकता या गुणवत्ता और स्वाद ज्यादा बेहतर होता है। उदाहरण गेहूँ का लें तो लोकमन की जगह शरबती बीज , ऑर्गनिक प्रॉडक्ट्स में प्रयुक्त करना औचित्यपूर्ण होता है।
3. क्यों अनुशंसनीय है सस्ता की जगह महँगा (ऑर्गनिक प्रॉडक्ट्स)?? - यहाँ महिलाओं के प्रयोग में आने वाली लिपस्टिक के उदाहरण से हम लेख करते हैं। लिपस्टिक की कुछ मात्रा पेट तक जाती है यदि ऑर्डिनरी लिपस्टिक प्रयोग किये जायें तो रोग की आशंका बढ़ती है। कोई रोग हो जाए तब सस्ते से बचा पैसा , डॉक्टर्स और दवाओं पर उससे ज्यादा व्यय तो होता ही है , समय व्यय होता है , चिंता और तनाव का असर सौंदर्य पर भी बुरा पड़ता है। अर्थात "सुंदर दिखने के उपाय में वह चूक हो जाती है - जो सुंदरता पर ही ग्रहण लगा देती है".
4. ऑर्गनिक प्रॉडक्ट्स का प्रमाणीकरण - रोग से बचने के प्रयास बतौर - पश्चिमी देशों में ऑर्गनिक प्रॉडक्ट्स जब लोकप्रिय होने लगे तो - भारत से उत्पादित शुरूआती निर्यातित ऑर्गनिक प्रॉडक्ट्स वहाँ स्टैंडर्ड में फेल होने लगे कारण कि उन्हें आर्गेनिक नहीं पाया गया। आर्गेनिक उत्पादकों ने समस्या क्या है जब खोज की तो मिला कि आसपास के खेतों से आया पानी और पशुओं का गोबर (खाद में प्रयुक्त) केमिकल युक्त था। पशु यदि ऑर्गनिक चारा और पानी नहीं खाएंगे-पियेंगे तो दूध और गोबर कैसे रसायनरहित होता। तब आर्गेनिक उत्पादकों ने खेती 200 - 400 एकड़ की बड़ी भू खंडों में आरंभ की जहाँ अन्य खेतों का पानी आने से रोका और पशुओं को ऑर्गनिक चारा खिलाया। अब ऑर्गनिक उत्पाद शंका रहित हैं और ऑर्गनिक प्रॉडक्ट्स का प्रमाणीकरण (गुणवत्ता सुनिश्चित करने वाली उत्पादन प्रमाणीकरण एजेंसी द्वारा) अत्यंत सूक्ष्मता से किया जाता है .
जबलपुर में ऑर्गनिक प्रॉडक्ट्स की उपलब्धता -
-----------------------------------------------------
श्री अनुराग अग्रवाल और श्रीमती संध्या बोरकर जी और सहयोगियों ने ऑर्गनिक प्रॉडक्ट्स उपलब्ध कराने का जिम्मा अपने ऊपर लिया है - जिसका उद्देश्य व्यवसायिक हित से अधिक सामाजिक हित है। श्री अनुराग अग्रवाल और श्रीमती संध्या बोरकर जी और उनके सहयोगी - रोगी समाज से करुणा रखते हुए , एक निरोगी समाज देखने का सपना रखते हैं। अपने सपने को साकार रूप देने के लिए वे जबलपुर में ऑर्गनिक डोलची (Organic Basket) की चैन निर्मित कर रहे हैं इसके तहत उन्होंने अब तक साउथ एवेन्यू मॉल और विजयनगर कचनार सिटी में दो आउटलेट्स आरंभ किये हैं। उनकी योजना जबलपुर में लगभग 8 आउटलेट्स निकट भविष्य में खोलने की है। ये आउटलेट्स कुछ उनकी कंपनी के निजी होंगें और कुछ उनके फ्रेंचाइजी के होंगे।
--राजेश चंद्रानी मदनलाल जैन
30-03-2018


 

No comments:

Post a Comment