मेरी हथेली - इक अँगुली अन्य पर उठाने पर विद्रोह करती है
मेरी आँखे - मेरे तरफ उठीं , मेरी ही तीन अँगुलियाँ देखती हैं
मेरी हथेली - इक अँगुली अन्य पर उठाने पर विद्रोह करती है
मेरी आँखे - मेरे तरफ उठीं , मेरी ही तीन अँगुलियाँ देखती हैं
अपने बारे में सोचें तो लगता है हम सब एक से हैं
मुसाफ़िर हैं बस दुनिया में मुक़ाम कुछ दिनों का है
इस चार दिन के मुक़ाम में चालाकी से बाज नहीं आते
करते जोर आज़माइश आपस में फिर धराशाई हो जाते
मेरी आँखे - मेरे तरफ उठीं , मेरी ही तीन अँगुलियाँ देखती हैं
मेरी हथेली - इक अँगुली अन्य पर उठाने पर विद्रोह करती है
मेरी आँखे - मेरे तरफ उठीं , मेरी ही तीन अँगुलियाँ देखती हैं
just create - whether it is an oppotunity or an example
अफ़सोस जिन पूर्व करनी का - उनका तो कुछ होगा नहीं
अबसे ठीक हुईं करनी तो - अफ़सोस हमें फिर होगा नहीं
अफ़सोस जिन पूर्व करनी का - उनका तो कुछ होगा नहीं
अबसे ठीक हुईं करनी तो - अफ़सोस हमें फिर होगा नहीं
अपने बारे में सोचें तो लगता है हम सब एक से हैं
मुसाफ़िर हैं बस दुनिया में मुक़ाम कुछ दिनों का है
इस चार दिन के मुक़ाम में चालाकी से बाज नहीं आते
करते जोर आज़माइश आपस में फिर धराशाई हो जाते
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