Thursday, March 22, 2018

हम चीज़ नहीं हैं - ना ही मस्त मस्त हैं
हम अपनों की जान - किसी की बेटी - किसी की बहन - किसी की पत्नी और किसी की माँ होते हैं

हम चीज़ नहीं हैं - कि तुम उपयोग बाद अलग फेंक दो
हम तुम्हारी तरह ही इंसान - और हमारे भी ज़िंदगी में कुछ अरमान होते हैं

तुम करो ज़िंदगी से अपने लिए हासिल - हमें आपत्ति नहीं
हमें भी करना है अपने लिए हासिल - रोड़ा नहीं बनो तुम

तुम्हारे साथ रह  - हम ज़िंदगी तुम्हारी बनाते हैं
हमारे लिए भी करो समाज सुधार जिसमें - हम सम्मान को तरस जाते हैं

जो ख़ुश हम नहीं - परिवेश कभी ख़ुशहाल न होगा
ख़ुशफ़हमी बस कि - तुम ज़िंदगी ख़ुशी में जी लोगे


आवो-हवा में खुश्बू होगी तभी - महक ख़ुशनुमा होगी
भ्रम है तुम्हारा कि हमारी ख़ुशी बिन - परिवेश खुशहाल होगा

आदर्श निभते नहीं - तब भी उचित कि आदर्श पर चर्चा करें
जो थोड़ी भी हमने सद्प्रेरणा ले ली - बहुत सुधार ले आएगी

#इश्क़
कैच के लिए - हवा में स्ट्रोक आये चाहते हैं
जब ऐसा हो जाये - तो हम कैच टपकाते हैं

#इश्क़
जब हुआ इश्क़ - तो उसे जिम्मेदारी की तरह लो
रहे कोशिश कि - तुमसे इश्क़ में निराश वह न हो







 

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