रिचिका विवाह अवसर पर माँ रचना के ह्रदय उदगार
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जन्म ले बेटी ने दिन एक
थे प्राण जो शरीर में एक
दिया सुख मातृत्व का पर
बांटे प्राण नन्हे तन में एक
आशंकित नन्ही आ अंक से चिपटती थी
पा सुरक्षा अनुभव आँचल में सिमटती थी
जीवन दुलार लालन पालन बीच बीतता था
जब जब बेटी जाती दूर कमी अखरती थी
पति शब्दों का भार अनुभव वे करती थी
माँ समर्पित जिनकी बेटी वे न बिगड़ती थी
दिए सँस्कार उच्च शिक्षा के साथ माँ होकर
निधि एक जीवन में जाती अब अखरती थी
भाग्य निभा सकी माँ अपनी जिम्मेदारी
गुणी रिचिका ने समझी अपनी जिम्मेदारी
माँ-पिता के सपनों के आसमान में उड़ती
आ रही कन्धों के उसके अब जिम्मेदारी
चुपचाप हम सब भारी ह्रदय रो लेंगे
उसे विवेक समृध्द परिवार को सौंपेगे
अर्थ सच्चा नाम रिचिका शब्द को मिले
कर्तव्यपरायणता से उसकी हम धन्य हो लेंगे
-- राजेश जैन
29-03-2014
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जन्म ले बेटी ने दिन एक
थे प्राण जो शरीर में एक
दिया सुख मातृत्व का पर
बांटे प्राण नन्हे तन में एक
आशंकित नन्ही आ अंक से चिपटती थी
पा सुरक्षा अनुभव आँचल में सिमटती थी
जीवन दुलार लालन पालन बीच बीतता था
जब जब बेटी जाती दूर कमी अखरती थी
पति शब्दों का भार अनुभव वे करती थी
माँ समर्पित जिनकी बेटी वे न बिगड़ती थी
दिए सँस्कार उच्च शिक्षा के साथ माँ होकर
निधि एक जीवन में जाती अब अखरती थी
भाग्य निभा सकी माँ अपनी जिम्मेदारी
गुणी रिचिका ने समझी अपनी जिम्मेदारी
माँ-पिता के सपनों के आसमान में उड़ती
आ रही कन्धों के उसके अब जिम्मेदारी
चुपचाप हम सब भारी ह्रदय रो लेंगे
उसे विवेक समृध्द परिवार को सौंपेगे
अर्थ सच्चा नाम रिचिका शब्द को मिले
कर्तव्यपरायणता से उसकी हम धन्य हो लेंगे
-- राजेश जैन
29-03-2014