जब तक ख़ुद पे कोई दोष साबित ना होता - खूब अँगुली उठाया करते हैं
ख़ुद पे ही जब दोष साबित होता - तब अपना मुहँ छिपा लिया करते हैं
आज़ाद है वज़ूद मेरा - आपमें गुमाया - आप मालिक बन बैठे
इंसान तुम इंसान ही हम भी - इतना बताया तो ख़फ़ा हो बैठे
अनकही न समझो तुम - कह के बताना पड़े
दिल के जोड़े थे तार - तुमने क्यों तोड़ दिए ??
ख़ुद पे ही जब दोष साबित होता - तब अपना मुहँ छिपा लिया करते हैं
आज़ाद है वज़ूद मेरा - आपमें गुमाया - आप मालिक बन बैठे
इंसान तुम इंसान ही हम भी - इतना बताया तो ख़फ़ा हो बैठे
अनकही न समझो तुम - कह के बताना पड़े
दिल के जोड़े थे तार - तुमने क्यों तोड़ दिए ??
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