Tuesday, January 20, 2015

नारी चेतना और सम्मान रक्षा , अभियान


नारी चेतना और सम्मान रक्षा , अभियान
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सोये ज़माने को ,हम
झिंझोड़ के न उठायेंगे
लाड़ करते सबसे ,हम
दुलार से उन्हें जगायेंगे

सम्पूर्ण चेतना में उर्जित हो उठो
जीवन आज नवप्रभात ले आया है
परिपूर्णता अपने जीवन की निहारो
नवदिन आज नवप्रकाश ले आया है

नित दिन सूर्योदय हो जाता है। लम्बी अवधि चलते जाने से ,हम
यह मानने लगते हैं , यह जीवन अधिकार है-

रोज न आएगा प्रभात
क्रम यह टूट सकता है
करलें अच्छा जीवन में
भ्रम कभी ये टूट सकता है

आज का दिन मिल गया है , हमारे जीवन को हम भाग्यशाली हैं -

नवदिन के नवप्रकाश से
नई चेतना हम ले सकते हैं
समाज बुराई मिटाने में
योगदान हम दे सकते हैं

--राजेश जैन
21-01-2015
 

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