Friday, January 9, 2015

नारी - पुरुष परस्पर शत्रु ?

नारी - पुरुष परस्पर शत्रु ?
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मंतव्य बहुत स्पष्ट हैं
विचार बेहद स्वच्छ हैं
रिश्तों को बचाने के लिए
अत्यंत सुदृढ़ संकल्प हैं


"नारी चेतना और सम्मान रक्षा " फेसबुक पेज ,  समाज हित और नारी गरिमा की पताका लिए चलने के लक्ष्य से बनाया गया था।


माँ का पुत्र से रिश्ता
पिता का बेटी से रिश्ता
भारतीय पति-पत्नी का रिश्ता
अनायास ही निभता है


गर्लफ्रेंड नाम का रिश्ता
बॉयफ्रेंड जो बनते हैं
रिश्तों की गरिमा की रक्षा
वे कम ही कर सकते हैं


नारी , लगातार छली जाने से , आज उग्र प्रतिक्रियाओं के साथ आ रही है - उनसे एक निवेदन


युध्द नहीं है ,शत्रु को मिटा डालें
खेल नहीं है विरोधी को हरा डालें
संघर्ष नारी शोषण विरुध्द हमारा
शोषण वायरस को हम मिटा डालें


जी हाँ , हम ना तो नारी को और ना ही पुरुषों को मारेंगे
हम प्रबुध्द ,बुद्धिमत्ता से मन में आ बैठी बुराई को मारेंगे


नारी , घर घर व्यथित है, पुत्री की माँ है तो , पत्नी है तो। चालीस , पैतालीस की हो जाने पर  , उनमें से अनेकों अपने गृहस्थी में मन लगा संतुष्ट हो गईं हैं (जॉब  करती हैं ,अतिरिक्त जिम्मेदारी से अतिरिक्त व्यस्त हैं )। नई उम्र की युवती /किशोरी शोषण विरुध्द अति आक्रमकता से आगे आईं हैं। पेज को लोकप्रिय बनाने के लिए ताकि ,अच्छे संदेशों का प्रसारण ज्यादा कर कुछ नारी हित और समाज हित उद्देश्य पूर्ण किये जा सकें , पेज एडिटर की हमें आवश्यकता है।
दोनों तरह की नारियाँ , पाठक तो मिल रही हैं। पेज एडिटर नहीं।  जो , मनीषी नारियाँ हैं , दूसरे के सुख में मिलते आनंद के अलोकप्रिय हो चले तरीके में जिनका विश्वास है , उनमें से पेज द्वारा और एडिटर तलाशें और तराशें ,जायेंगे। इस कार्य में धन नहीं मिलेगा ,समय अपना खर्च होगा। बदले में सिर्फ सामाजिक अपने दायित्वों के निर्वहन का सुख मिलेगा। कैंडी-क्रश /टेलीविजन से बेहतर गेम /मनोरंजन इसमें है। बिगड़ते कुछ सही राह पर आयेंगे।
नारी , पुरुष कोई शत्रु नहीं हैं , विरुद्ध पक्ष मान कर न तो उन्हें तहस -नहस करना है , न ही हराना है। अपनी बुध्दिमानी से ठीक कर परस्पर अनुकूल बनाना है।


--राजेश जैन
09-01-2015

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