Tuesday, January 13, 2015

तब ही मै ,बेटे को जन्म दे सकूँगी

तब ही मै ,बेटे को जन्म दे सकूँगी
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डॉ प्राची - लेकिन भ्रूण जाँच अपराध है। युवती , 50000/- की गड्डी सामने रखती है। कुछ समय बाद। डॉ प्राची - गर्भ में बेटा है। युवती - इसे abort करवा दीजिये। डॉ प्राची (अचम्भे से ) - जाँच के बाद नर भ्रूण होने पर ,भ्रूण हत्या का पहला केस होगा यह देश में। युवती - होने दीजिये । डॉ प्राची- अविवाहित हो ?, युवती -नहीं।
लौटते वक़्त , डॉ प्राची कुछ नोट , निकाल ,गड्डी ,युवती को लौटा देती है।
अगली सुबह , सुदृढ़ , गहन दुःख से और रुआँसी आवाज ले बोल रहा है - लेकिन गरिमा तुम कैसे यह अत्याचार मुझ पर ,अपनी होने वाली संतान पर कर सकती हो ? गरिमा (चेहरे पर दृढ़ता दर्शित ) - मेरे , स्वयं पर भी ये अत्याचार ही है। सुदृढ़ - मै डॉ प्राची को अंदर कर देता हूँ , उसके नर्सिंग होम पर ताला लगवा देता हूँ। गरिमा - नहीं ,आप उस नारी पर पुरुष रौब न दिखाओ। आप आई पी एस हैं , देश में पुरुषों का संग़ठन बनाइये , आव्हान कीजिये -
 "निर्भया /दामिनी अब और नहीं"।
(कुछ रुककर) ....... तब ही मै बेटे को जन्म देने की मानसिकता बना सकूँगी। देश का , नारी आँदोलन , पुरुष छल , शोषण को रोकने में पर्याप्त नहीं हो पा रहा है।
सुदृढ़ , बहुत उदास , दुःखी , गहन सोचनीय मुद्रा में फर्श पर ही दीवाल के सहारे बैठ गया है।
--राजेश जैन
14-01-2015

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