Friday, December 26, 2014

सतर्क एवं संयत प्रहार


सतर्क एवं संयत प्रहार
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यह लेखक सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग में थोड़ा पारंगत है। सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल'स को सरलता से समझ आएगी कि वायरस प्रोग्राम'स , किसी सिस्टम में एग्जीक्यूटिव'ल फाइल्स पर अटैक कर उसमें कुछ ख़राब कोड जोड़ देते हैं।  जो किसी कंप्यूटर सिस्टम के ओएस और एप्लीकेशन'स को करप्ट कर उस सिस्टम को तथा उससे इंटरैक्ट करते , क्लाइंट सिस्टम और प्रोग्राम को भी करप्ट करते हैं। वायरस से उत्पन्न करप्शन सिस्टम रिसोर्सेज को मेलफंक्शनिंग में उलझा कर उसे स्लो करता है। कई बार सिस्टम को बूट तक नहीं होने देता है।
एंटी वायरस प्रोग्राम ,जब किसी सिस्टम पर चलाया जाता है तब वह वायरस प्रोग्राम'स द्वारा डाले गए मेलाफायड कोड को सभी एक्सिक्यूटिव'ल फाइल्स से डिलीट करता है। एंटी वायरस प्रोग्राम जब किसी सिस्टम पर इंस्टॉल'ड होता है तब  फायर वाल , प्रोवाइड करता है। जो वायरस प्रोग्राम के अटैक को निष्प्रभावी करता है और सिस्टम को करप्ट होने से बचाता है.
स्पष्ट है , प्रोग्राम्स , ओएस और एप्लीकेशन'स -सुविधा ,प्रगति की दृष्टि से , वायरस ,बुराई की दृष्टि से और  एंटी वायरस ,सुरक्षा की दृष्टि  निर्मित होते हैं।
ठीक उसी तरह , मनुष्य जन्म , उनका जीवन , मनुष्य मनोमस्तिष्क और उनके बीच विभिन्न तरह का शिष्टाचार और सम्बन्ध होना सुविधा और मानवता प्रगति है।
बुराई मनुष्य मन में लगने वाला (वायरस ) है।
और व्यवस्था और समाज मर्यादा , एंटीवायरस है , जो मनुष्य जीवन को सुरक्षित और उसके मन को निश्छल रखता है।
अच्छा साहित्य , अच्छी प्रस्तुतियाँ और अच्छे व्यक्ति ,हमारे समाज और राष्ट्र की दृष्टि से एंटीवायरस होते हैं।  जिस समाज में एवं राष्ट्र में इन्हें प्रोन्नत नहीं किया जाता। वहाँ बुराइयाँ वायरस की तरह उन्नति को शिथिल करती हैं और उससे राष्ट्र ,समाज अस्तित्व की समाप्ति की आशंका होती है। ऐसे वायरस ग्रस्त समाज एवं राष्ट्र के सम्पर्क में रहने वाला समाज और राष्ट्र भी इन्फेक्टेड हो जाता है।इस खतरे से यदि सभी सतर्क नहीं रहते हैं ,तो समग्र मानव अस्तित्व पर विनाश का खतरा हो जाता है।
वायरस का उपचार वायरस नहीं करता है , उसी तरह बुराई का उपचार "अच्छा साहित्य , अच्छी प्रस्तुतियाँ  और अच्छे व्यक्ति " करते हैं।
बुराई पर सतर्क और संतुलित प्रहार ही बुराई मिटाता है। एक्यूरेसी ना होने पर अन्य बुराई उत्पन्न होने खतरा होता है।
सभी मनुष्य अच्छे हैं , जो बुरे कहे जाते हैं उनके मन पर हुए वायरस अटैक (बुराई) को सतर्क प्रहार कर  बुरे विचारों को मिटाया जाए तो वे बिल्कुल निश्छल हो सकते हैं।
लेखक के आव्हान , ब्लॉग पर , फेसबुक पर और  फेसबुक पेज पर इसी सतर्क प्रहार की दृष्टि से होते हैं।  सभी प्रबुद्ध साथियों से अपेक्षा और आग्रह भी बुराई पर सतर्क एवं संयत प्रहार का ही होता है.
--राजेश जैन
27-12-2104

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