Tuesday, December 23, 2014

गरिमा


गरिमा
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गरिमा कहती, तुम नाम के सुदृढ़ हो
तुम में ना गरिमा ना ही तुम दृढ हो


निभा ना सकते सुदृढ़ होकर साथ
छलने के भाव से मुझे ना दो हाथ


सुदृढ़ , मै बहुत विपत्ति में ना हूँ
प्रेम रखते गर अकेला मुझे छोड़ दो


मुझे विश्वास अकेली भी मै भली हूँ 
मै योग्य ,भला अपना कर सकती हूँ


पाली गई लाड़दुलार संस्कारों में मै
ये मुझे सिध्द करने के लिए छोड़ दो


गरिमा नाम मुझसे गरिमा सीख लो
रहो सुपथ पे तुम ,मुझे सुदृढ़ रहने दो


--राजेश जैन
23-12-2014

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