Saturday, December 6, 2014

विचारणीय प्रश्न
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एक आदरणीय ने कुछ दिन पूर्व चर्चा में कहा …आपको क्या लगता है आप सबको बदल सकते हो?
इस सीधे प्रश्न को मै तैय्यार न था .... हड़बड़ा कर कहा - नहीं !

प्रश्न विचारणीय था , विचार किया , उत्तर तब भी यही है - "नहीं" , कोई सभी को अपने तरह से नहीं बदल सकता।

लेकिन
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आठ अरब जीवन में से एक जीवन का महत्व नगण्य (negligible) ही होता है , ऐसे में एक मनुष्य जीवन इस असंभव प्रयास में जाया हो भी जाए तो क्या अंतर पड़ता है। लेकिन ऐसा विफल प्रयास भी तब ही उचित है जबकि वह मानवता और समाज हित के प्रयोजन में लगाया जाये।

--राजेश जैन
07-12-2014

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