Tuesday, December 30, 2014

अच्छाई का साथ

अच्छाई का साथ
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गरिमा , कम्पनी द्वारा आयोजित "न्यू ईयर सेलिब्रेशन " में रिलैक्स फील नहीं कर रही थी।  चारों तरफ , म्यूजिक शोर , थिरक रहे लोग और ड्रिंक्स सुनाई-दिखाई पड़ रहे थे , ऐसे में उसे पापा याद आये , थोड़े कम शोर-शराबे वाली जगह से उसने पापा को मोबाइल किया।
पापा की कुछ उनींदी सी आवाज सुनाई पड़ी -कैसी हो बेटे ? क्या कर रही हो?
गरिमा -पापा अकेली होने का डिप्रेशन हो रहा है , नए वर्ष पार्टी ,कंपनी के द्वारा की गई है , सब तरफ नशा और जश्न है , मुझे रुच नहीं रहा है।
पापा - तुम बिलकुल अकेली नहीं हो , कभी रहोगी भी नहीं , तुम्हारे साथ अच्छाई ,हमेशा है , मुझे विश्वास है , है न बेटे ?
गरिमा -मेरे अच्छे पापा , आप हमेशा मेरा मनोबल हैं , आपके सोने का समय है ,सो जाइये ,बाय पापा।
पापा -बाय बेटा।
अब आत्मविश्वास से भरी गरिमा ,वापस आकर , प्लेट में खाना ले ,एक टेबल पर आ बैठती है, कुछ चुगना आरम्भ करती है ,तब , एक सीनियर  , आकर पूछ कर सामने बैठते हैं  .
बोलते हैं , हाय स्वीटी , आई एम सुदृढ़ , आपसे कुछ कहना चाहता हूँ। इजाजत हो तो कहूँ।
गरिमा , सर ,कहिये , मै गरिमा हूँ , मै आपको जानती हूँ।
सुदृढ़ - मै देर नहीं करना चाहता ,कंपनी में मेरा पैकेज 60 लाख है , आपको मंजूर हो तो ,आपको विवाह का प्रस्ताव कर रहा हूँ।
गरिमा (कुछ सोचते हुए ) - सर क्या आप कल ,दिन में बात कर सकते हैं।  सुदृढ़ - ओके , कल मिलता हूँ।  कहते हुए उठता है।
दूसरे दिन लंच के समय , सुदृढ़ आता दिखाई देता है , दूसरे साथियों को संकेत करते , गरिमा अलग टेबल पर ,सुदृढ़ के साथ बैठती है।
गरिमा , हेलो सर , कल आप ड्रिंक्स के प्रभाव में थे।  सुदृढ़ - था , लेकिन आपको ,जैसे बैठा देखा ,ड्रिंक्स उतर गई थी , अपने जीवन संगिनी का सपना ,आप में साकार होता दिखा था , कल का प्रस्ताव पूरे होश में था , आज भी वही लाया हूँ , क्या कहती हैं ,आप ?
गरिमा - सर , मुझे ड्रिंक्स/स्मोक से एलर्जी है।
सुदृढ़ - वह ,मैंने कल रात आखिरी बार ले चुका , विश्वास करती हो ? अब क्या कहती हो?
गरिमा -पापा का मोबाइल मिलाती है , कहती है पापा ,हमारे सीनियर , सुदृढ़ जी आपसे कुछ कहना चाहते हैं , फिर मोबाइल सुदृढ़ की ओर बढाती है।
सुदृढ़ उसे ऐसे थामता है , जैसे पत्नी का हाथ हो , गरिमा सोच में डूबती है , सुदृढ़ मोबाइल पर कह रहा है - अंकल ……
--राजेश जैन
31-12-2014

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