Tuesday, December 16, 2014

जबलपुर- रिज रोड में उठते प्रश्न


जबलपुर- रिज रोड में उठते प्रश्न
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ज्ञानी जैलसिंग को जेड सिक्यूरिटी की क्या जरुरत है ?
लेखक को आपत्ति नहीं किसी की सिक्यूरिटी पर। सभी सुरक्षित हों यही अभिलाषा है।






बच्चे जाते स्कूल भविष्य बनाने
क्यों वे जीवन वहाँ गवाँ देते हैं ?
बच्चों में जीवन जीते माँ -पिता को 
क्यों जीवन भर का दुःख देते हैं ?






लिखने को बहुत कुछ होता है किन्तु लिखा इसलिये कि
उपरोक्त प्रश्न जबलपुर रिज रोड पर भ्रमण में अपने सिक्ख मित्र से सुनना अच्छा लगा।
जो स्वयं सिक्ख होते हुये सिक्ख राष्ट्रपति को गैरजरूरी लाभ पर प्रश्न करते हैं।
मेरे ये मित्र संप्रदाय संकीर्णता से उठ बेहद अच्छा सोचते हैं।
समाज में निश्चित ही प्रबुध्दता सिध्द होती है।
आज के पीढ़ी में जो अस्तित्व में ऐसे सारे प्रबुध्द व्यक्तियों को लेखक का साधुवाद।
हमें इन निम्न प्रश्नों के उत्तर खोजने और उसके क्रियान्वयन का दायित्व अपने सिर रखना है  -






क्यों पाकिस्तान बैर भाव की सीमा के नीचे ही सिमटा हुआ है ?
क्यों संप्रदाय विशेष के उत्थान की भावना इतनी संकीर्ण है कि मासूम तक की हिंसा वहाँ और विश्व में ,उन्हें धर्म के नाम पर उकसाती है ?
क्यों हम व्यापक हित की ना सोचकर देश में , राजनीति को सत्ता सुख की सीढ़ी रूप में उपयोग कर ,मात्र स्वहित की शर्मिंदगी की परंपरा पोषित करते हैं?
क्यों हम भ्रम मानसिकता में नारी को अपने नीचे ही कुचले रखनी की कुटिलता करते हैं ?




समय की जरूरत है तमाम इन संकीर्ण सीमाओं में दबे अपने विचार और कर्म से हम ऊपर उठें. और समवेत प्रयासों से वह अच्छा करें , जो सभी देश ,सभी धर्मावलम्बी और सभी मनुष्य (नारी -पुरुष दोनों ) के लिए हितकारी और सुखद हो।


(लेखक  के मन में  रिज रोड पर भ्रमण में लिखने के विषय विचार लेते हैं , इसलिये शीर्षक यह दिया है ।
लेकिन आशा है , ये प्रश्न लगभग पूरे भारतीयों के विचार में आज होंगे )
--राजेश जैन
17-12-2014

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