Saturday, December 13, 2014

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1 . हम किसीके पीठ पीछे सम्मान से उन्हें विक्रम जी इत्यादि  आदरणीय ढंग से कहते चर्चा करते हैं या 2. विक्रम के साथ अपमानजनक कुछ प्रयुक्त करते हैं .
1 अनुपस्थिति में किसी के हम प्रशंसनीय गुण  कहते हैं या 2. उसकी बुराई ले बैठते हैं।
1 किसी से व्यवहार में हमारे मन में उससे हो सकने वाले स्वार्थ सिध्द या लाभ के विचार रहते हैं , अथवा 2. उसको हम क्या लाभ दे सकते हैं ये विचार करते हैं।
अगर उत्तर 1 हैं  तो हम स्वस्थ समाज के निर्माण में सहायक नहीं हो सकते। यही नहीं हम दूसरे की छोड़ दें स्वयं का भला भी  नहीं कर सकते।  क्योंकि अपने पीठ पीछे हम अपना सम्मान और अपने हितैषी रखने में असमर्थ होंगे.
अपने हितैषी और हित सुनिश्चित करना है तो हमें 2 जैसी पध्दति अपनानी होगी तब समाज में मानवता और सुख प्रवाहित होते रह सकता है
--राजेश जैन
१४-१२-२०१४

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