Sunday, January 6, 2013

Zozila to Rohtang


Zozila to Rohtang


जबलपुर के चार मित्रों ने अगस्त १२ में ,१० दिवस का भारतीय फौज को समर्पित जबलपुर से जोजिला , रोहतांग के बीच टूर किया . इन स्थानों को जबलपुर से और भी लोगों ने घूमा होगा . लेकिन अनुराग जी और उनके मित्रों के प्रवास की विशेषता "भारतीय फौज को समर्पित" नाम दिया जाना था .इससे बढकर जो बात प्रभावित करती है वह यह कि इन्होने छायाचित्र प्रदर्शनी जबलपुर रानी दुर्गावती संग्राहलय में दिनांक ५/०१/१३ और ६/०१/१३ को लगा कर जबलपुर वासियों से प्रवास के अदभुत अनुभव और वहां इन मित्रों द्वारा लिए गए २०० से अधिक आकर्षक छायाचित्र शेयर किये . इवेंट का आमंत्रण इन्होने फेसबुक पर भी किया . पहुँचने पर गर्मजोशी से स्वागत तो किया ही . प्रसन्नता से जो बताया वह मनुष्य जीवन की वास्विकता को सरलता से चित्रित करता है . उनके अनुसार प्रकृति के इतने करीब देखते हुए उन्हें अनुभव हुआ के अपने दैनिक जीवन में अपनी उप्लब्धियों और अहम् को लेकर हम बढे होने की भ्रान्ति रखते हैं ,जबकि लद्दाख की मनोरम वादियों , वहां की झील ,झरने नदियों और नैसर्गिक हरियाली और पक्षियों के कलरव और सुन्दरता से बढ़कर हम नहीं होते हैं. कृत्रिमताएँ जिनमे हम प्रकृति से दूर अपना जीवन बसर करते हैं उनमे कई बुराई हम अनायास या बाध्य हो धारण करते हैं . प्रकृति के बीच रहकर हम मनुष्य जीवन की प्रकृति को सहज और सरलता से समझते हैं ..

उन्हें इस अनुकरणीय परम्परा आरम्भ करने के लिए बधाई और आमंत्रण के लिए आभार के साथ मैंने विदा ली .

जल्दी में यह लेख लिखने का अभिप्राय यह है , जबलपुर के जो मित्र समूह में इसे पढ़ पा रहे हैं , वे कल ,"कला वीथिका" में जा लद्दाख के वादियों के नयनाभिराम छायाचित्र को देखने के अवसर का लाभ अवश्य लें . ताकि इस तरह के जन हितकारी उद्देश्य लेकर इन मित्रों का लगाया समय और श्रम व्यय अकारथ न जाये . और इस से हम वंचित न हों ...

(Kala Vithika, Rani Durgavati Sangrahalya, Opp. Hotel Krishna, जबलपुर)
धन्यवाद ...
राजेश जैन


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