Wednesday, January 16, 2013

क्या अंतर है एक बुरे व्यक्ति और अच्छे व्यक्ति में ?

क्या अंतर है एक बुरे व्यक्ति और अच्छे व्यक्ति में ?
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सुविधा ,आराम ,प्रतिष्ठा ,धन ,वैभव ,मित्र और प्रेम (विशेषकर विपरीत लिंगी से ) सबको पसंद होता है . इनमें जीवन  यापन और उपलब्धियां सबको आकर्षित करती हैं .
इन्हें प्राप्त करने के लिए कुछ घटिये तरीके पर उतर कर भी इन्हें प्राप्त करने से परहेज नहीं करते . हिंसा और छल का सहारा भी ले लेते हैं . उन्हें अच्छे का ज्ञान और विवेक करने की कोई रूचि नहीं होती . स्वयं अपने आचरण और कर्मों में बुराई नहीं देख पाते  . जब कोई उनमें बुराइयों का उल्लेख भी कर दे तो , इन बुराई को अच्छाई बताने के उनके अपने तर्क होते हैं .कभी बुराई अनुभव कर भी सके तो इक्छाशक्ति और स्व-नियंत्रण अभाव में लाचार होता है   ऐसा व्यक्ति बुरा होता (माना जाता) है  .

सुविधा ,आराम ,प्रतिष्ठा ,धन ,वैभव ,मित्र और प्रेम (विशेषकर विपरीत लिंगी से ) सबको पसंद होता है . इनमें जीवन  यापन और उपलब्धियां सबको आकर्षित करती हैं . इन्हें पाने के प्रयास में मर्यादा , नियमों ,संयम  और  विवेक से उचित को परखते हुए आचरण और कर्म करता भी एक व्यक्ति वर्ग होता है . इस तरह से जो उपलब्ध होता है वह कम या ज्यादा जो हो उसमें संतोष कर प्रसन्न रहते जीवन जीता है . और कभी कोई उनके किसी बात में बुराई देखे और उल्लेख करे तो उसकी समीक्षा करते हुए आवश्यक हो तो अपने तरीकों को और परिष्कृत करता है . उसे स्वयं पर नियंत्रण होता है . ऐसा व्यक्ति अच्छा होता है .

हम स्वयं अच्छे हैं या नहीं उपरोक्त कसौटी पर स्वयं परखने का यत्न करें ,समय समय पर करें .. तो कसौटी पर निरंतर ज्यादा खरा स्वयं को उत्तरोत्तर अनुभव करेंगे ..
बुरा नहीं मानियेगा , यह मै स्वयं अपने से कहता हूँ ... हाँ अपने इस राज को आपसे शेयर कर रहा हूँ , यह अभूतपूर्व है ...  
     

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