Monday, January 21, 2013

अक्षम्य अपराध


"अक्षम्य अपराध "
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"घोर निंदनीय"  ...........  चार वर्षीय बच्चे में भी वासना पूर्ती का शिकार बनाने को दुष-प्रेरित करती है ,  "मानसिक विकृति " .
"अक्षम्य अपराध "  है
जब तक ऐसे मानसिक व्याधि से पीड़ित व्यक्ति का समाज में अस्तित्व है .. माँ -पिता और नारी को विशेष सतर्कता रखनी चाहिए .
व्यवस्था में त्वरित सुधार " देश -समाज व्यवस्था के लिए जो उत्तरदायी हैं "  करवाएं .
"नायक प्रचारित भाग्यशाली" अपने अच्छे आचरण और कर्म ही सार्वजनिक करें, जिससे पीछे आ रहे अनुयायी , सच्चे मनुष्य बनने की प्रेरणा ग्रहण करें . पथभ्रष्ट ना हों .
निंदाजनक कार्य में लिप्त हों तो देश-समाज के सामने स्वयं प्रार्थना करते सम्मुख आयें .देश समाज को बताएं की वे सच्चे नायक नहीं है , उनकी नक़ल देश -समाज हित में करना , "ऐसे प्रेरित हुए लोग "  बंद  करें .
आम लोग सभी के घर-परिवार हैं . सबके घर में माँ -बहन ,पत्नी और बेटियां हैं . समाज -परिवार मर्यादा को ध्यान रख आचरण करें .
अन्यथा मानव समाज , जानवरियत की ओर बढ़ता जाएगा . मनुष्य और जानवर के कृत्य ,आचरण और व्यवहार में भिन्नता ना रहेगी .
हमें पतन उन्मुख हमारी लालसाओं से बचना है ...
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