Saturday, January 19, 2013

संस्कृति पुनः शीर्षस्थ हो दिन लायेंगे



संस्कृति पुनः शीर्षस्थ हो दिन लायेंगे     
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स्वच्छ लक्ष्य और साहित्यिक तस्वीरें
समाज स्वच्छ वातावरण हेतु खींचेंगे 
यद्यपि धीरे यत्न पसंद  किये जायेंगे 
परन्तु ठानी 
हमने  वह कर गुजेरेंगे

ये समाज और देश हमारा हम समझेंगे 
सब यह मानें लेखनी से समझायेंगे 
मानव साथी सब नेक या बुरे हमारे हैं  
बुरे से बुराई प्रेरणाओं से निकालेंगें   

नैतिक दायित्व हेतु त्याग दिखायेंगे 
सुविधा जीवन लालसा हम त्यागेंगे 
हित त्याग कठिनाई में आनंद मिलेंगे 
सब में प्रचार कर प्रेरणा हेतु बाटेंगे

माँ बहन व बेटी स्वयं सुरक्षित मानें
वह दिन देश में आये कसर न छोड़ेंगें
क्षति अन्य को देती वे कमियां हटायेंगे        
बुराई बने भूत अच्छा भविष्य बनायेंगे 

अकेले बदलें न कुछ होगा भ्रम मिटायेंगे 
प्रेरित हो एक एक कर सब बदल जायेंगे 
कल्पनातीत लगता वातावरण बनायेंगे
संस्कृति पुनः शीर्षस्थ हो दिन लायेंगे     

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