Saturday, January 19, 2013

अवैध संबंधों की विचित्रतायें

अवैध संबंधों की विचित्रतायें
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                        भारतीय धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं और मर्यादाओं में तथा संविधान में सामान्यतः एक पुरुष या स्त्री का एक से ज्यादा साथी (पति/पत्नी के अतिरिक्त  ) से शारीरिक सम्बन्ध अवैध सम्बन्ध की परिधि में आते हैं . इस कारण से अपवाद ( सिनेमा क्षेत्र आदि ) में इन संबंधों का अस्तित्व प्रायः छुपे तौर  पर होता है . वर्जित माने जाने के बाद भी बदली सामाजिक सोच और परिस्थितियों में आज ऐसे सम्बन्ध क्रमशः बढ़ोत्तरी पा रहे हैं . इन संबंधों के सम्बन्ध में निम्न विचित्रताएं देखी  जाती हैं .
  • जिन की लिप्तता ऐसे संबंधों में होती है वे चर्चा से बचना चाहते हैं , पर भनक यदि लग जाए तो अन्य (निकट सम्बन्धियों के अतिरिक्त ) ऐसे संबंधों की चर्चा रस ले कर करते हैं .
  • ऐसे संबंधों को बुरा और निंदनीय सभी बताते हैं . पर निंदा करने वालों में से कई स्वयं ऐसे संबंधों की संभावनाएं अवसरों पर तलाशते रहते हैं .
  • अवैध संबंधों के दुखदाई परिणाम देखने मिलते हैं , परिवार टूटते हैं , बैर भाव पनपते हैं , कई मौकों पर हिंसा भी देखी  जाती है . कलंक के तौर  पर देखे जाने से संबंधों (का राज खुल जाने पर )  की चर्चा हो जाने पर लज्जा के कारण लिप्त और उनके परिजनों को सामाजिक अपमान से लम्बे समय तक जीवन कठिनाई का सामना भी करना पड़ता है . पर ऐसा देखा सुना जाने के बाद भी इसमें लिप्तता के अवसर मिलते हैं तो कई संभ्रांत कहे जाने वाले भी फिसल जाते हैं .
  • इस तरह के अवैध  सम्बन्ध की चाह में  कई बार जबरदस्ती   पर भी उतरते हैं (विशेष कर पुरुष ) , तब अपराधिक प्रकरण भी बनते हैं . कई ऐसे प्रकरण जीवन में देखे सुने होने के बाद भी ,उनसे सबक नहीं लेते सैकड़ों आज समाज में मिल जाते हैं .
  • भारतीय समाज में किसी भी परिवार में इन संबंधों के लिए प्रोत्साहन नहीं दिया जाता , नाहि ऐसे संस्कार मिलते हैं . पर करतूत करने वाले अपने  संस्कार का सम्मान ना कर , पूरे परिजनों के मुख पर कालिख पोतने के खतरों में पड़ते रहते हैं .
  • ऐसे हादसों के बाद विभिन्न मंचों पर परिचर्चाएं और आन्दोलनों के माध्यम से अपराधी को धिक्कारा जाता है . पर ऐसे आंदोलनरत और वक्तव्य देने वालों में कई , ऐसे संबंधों में स्वयं ना पड़ने की शपथ नहीं लेते . और स्वयं कई बार ऐसे संबंधों में लिप्त हो जाते हैं .
                         ऐसे अवैध संबंधों से संबंधितों का जीवन मुश्किल तो हो ही जाता है . देश और समाज में असुरक्षा और अविश्वास ( विशेष कर नारियों के ह्रदय में )  का वातावरण निर्मित हो गया है . इसे सुधारे जाने के लिए आवश्यक है कि आन्दोलनों का नेतृत्व करते हमारे प्रबुध्द साथी इस तरह के कृत्यों में आजीवन ना पड़ने की सार्वजानिक शपथ लें . इन संबंधों से आजीवन बचें फिर यह आचरण युवाओं के समक्ष प्रेरणा बत्तौर रखें.तो आगामी समय में इन की बढोत्तरी के स्थान पर हमें कमी परिलक्षित होते दिखाई देगी  .और नारी मन में उनके ही पुरुष पिता ,पति ,भाई    और बेटे पर विश्वास पुनर्स्थापित हो सके .
                         जो लेख के माध्यम से मै अपेक्षा कर रहा हूँ , उस का स्वयं पालन अपने निम्न वक्तव्य में कर रहा हूँ ........

"मै ,'राजेश जैन' शपथ पूर्वक लेख करता हूँ की अब तक मैंने कभी कोई अवैध सम्बन्ध में लिप्तता नहीं रखी है , आगे आजीवन भी इससे अपने को और अन्य के समक्ष प्रेरणा रख उन्हें भी इससे बचाने के  पूरजोर प्रयत्न करता रहूँगा ...  "

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