Saturday, January 26, 2013

सुरम्य उध्यान ,रिज रोड , जबलपुर


सुरम्य उध्यान ,रिज रोड , जबलपुर 
----------------------------------------

नियमित भ्रमण हेतु मै रिज रोड जाता हूँ , वहां एक घाट , जिस पर कपड़े धोये जाते थे . लगभग डेढ़ -दो वर्ष से वहां कपड़े धोने बंद कर दिए गए थे . क्षेत्र बड़ा है . और पिछले समय से उजाड़ ही था . 3-4 माह पूर्व से वहां परिवर्तन का क्रम नियमित भ्रमण में दिखता था . कल 26-जन . पर उस स्थल को समारोह आयोजित कर सार्वजनिक प्रवेश के लिए खोल दिया गया है . उजाड़ सा बना क्षेत्र अब सुरम्य (जैसा नाम ) उद्यान में परिवर्तित कर दिया गया है .वहां भ्रमण पथ बनाये  गए हैं . उसके आसपास सुन्दर घास और रंग-बिरंगे पुष्पों के पौधे रोप गए हैं . आसपास खुला और स्वच्छ आवोहवा तो है ही . मनोरम दृश्य भी हैं . 
सुबह मैंने भी सैर के बीच एक चक्कर उसमें पूरा किया . वहां पदस्थ किये गए गार्ड से परिचय और सामान्य चर्चा भी की . उस सुरम्यता के बीच चर्चा में आंतरिक ह्रदय के अदृश्य शूल अनुभव कर पीड़ा अनुभव हुई . जिसे आप से शेयर कर रहा हूँ .

पेट पर मार ... तैनात गार्ड (नाम पूछा है , पर उल्लेख नहीं करूँगा ) ने स्वतः बताया , 1980 में एक निगम की सेवा में आया था , 1993 में एक मुख्यमंत्री (नाम आदर नहीं ,शिकायत पूर्ण स्वर में लिया गया था ) ने निगम बंद करने का फैसला ले लेने से 2002 में उसकी छटनी कर दी गई . परिवार पालना इस तरह कठिन हुआ . तब से इस तरह के कार्य प्रयत्न पूर्वक हासिल कर संघर्ष रत रहते , परिवार और स्वयं का जीवन बिताता हूँ .गार्ड ने जानकर यह मुझे नहीं बताया कि यह मेरी जिज्ञासा मात्र नहीं है बल्कि चर्चा का उल्लेख यहाँ फेसबुक पर करूँगा . बात करते मुझे भी ऐसा विचार नहीं था . पर किसी के सीने में दर्द का अस्तित्व कैसे हो जाता है और उसे कितने लम्बे अंतराल तक भी नहीं मिटाया जा सकता है .
यह रेखांकित करना आवश्यक लगा . वास्तव में हमारा व्यवहार और नीति (यदि हम उस हैसियत में हैं  तो) इस तरह नहीं होनी चाहिए , जिससे किसी के पेट पर प्रहार होता हो . अगर ऐसा किया जाना आवश्यक भी हो तो विकल्प उपलब्ध कराये बिना ऐसा नहीं किया जाना चाहिए .

सार्वनिक सेवारत  भाग्यशाली के लिए .. हम जिनकी सेवा निरंतर जारी है, वे इसके महत्त्व को समझ कर्तव्य के प्रति निष्ठावान रहें और सेवा में अवैध लाभ लेने की अपनी कमियों को दूर करते हुए . इस देश के हर कार्यालय को मानवीय सुरम्यता प्रदान करें .

सुरम्यता .. उद्यान की या प्रकृति की सुरम्यता तो संरक्षित की ही जानी चाहिए अपने देश और समाज में चहुँ ओर मानवीय सुरम्यता के लिए हमें गंभीरता से  कर्तव्य निर्वहन करने के लिए अपने स्वार्थ साधने की प्रवृति से मुक्ति प्राप्त करनी चाहिए . जिस दिन हमारे अच्छे की चिंता देश और समाज में हम स्वयं नहीं बल्कि अन्य करने लगेंगे . उस दिन यह देश और समाज से कहीं और जाना हमें अखरेगा और हमारी मातृभूमि की नैसर्गिक तथा मानव निर्मित सुरम्यता शेष विश्व के लिए अनुकरणीय बनेगी .

आयें बच्चे और बड़े सभी सुरम्य उद्यान रिज रोड में शुध्द-सुगन्धित वातावरण का आनंद उठा अपने स्वास्थ्य को भी पुष्ट करें 
          

No comments:

Post a Comment