बलात्कारी की अबोध बेटी बोली
पापा , जेल नहीं होती आपको
आठ साल की मैं भी हूँ
आप बलात्कार मुझ पर कर लेते
सुन शर्म से वह बलात्कारी गड़ गया
ऐसी ही बेटी मेरी , कैसे मैं भूल गया
वासना में हुआ अंधा यह देख नहीं पाता है कि
दिल का टुकड़ा होगी मासूम अपने माँ-पापा की
गर्भ में मारा नहीं था आपने - यह अहसान याद था हमें
बलात्कार कर हमें मार देते - अहसान हम पर चुक जाता
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