Monday, April 16, 2018



बलात्कारी की अबोध बेटी बोली
 पापा , जेल नहीं होती आपको
 आठ साल की मैं भी हूँ
 आप बलात्कार मुझ पर कर लेते

सुन शर्म से वह बलात्कारी गड़ गया
ऐसी ही बेटी मेरी , कैसे मैं भूल गया

वासना में हुआ अंधा यह देख नहीं पाता है कि
दिल का टुकड़ा होगी मासूम अपने माँ-पापा की

गर्भ में मारा नहीं था आपने - यह अहसान याद था हमें
बलात्कार कर हमें मार देते - अहसान हम पर चुक जाता
 

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