Tuesday, April 24, 2018

अगर हम प्रचलित से कुछ अलग ढंग से नहीं जीते तो वह ढर्रे में जीना है
हमें जीवन प्रयोग की तरह जीना चाहिए ताकि जीवन के नए आयाम खोज सके

अगर हम प्रचलित से कुछ अलग ढंग से नहीं जीते तो वह ढर्रे में जीना है
हमें जीवन प्रयोग की तरह जीना चाहिए ताकि जीवन के नए आयाम खोज सके

पारिवारिक रिश्तों में अपेक्षायें खटास लाती हैं
इन्हें सरल रहने दें - जिससे जो सहज बन पड़ा वह दूसरे के लिए कर दे , बस



तुम्हें , भुला देने की नाकाम एक कोशिश है
जीवन को आसान करने की सिर्फ कोशिश है


मालूम कि हम - तुम परस्पर भ्रम ही साबित होंगे
लेकिन भ्रम अभी तोड़ दें तो - जीना मुहाल होगा

ज़िंदगी अजीब कि टूटे कोई भ्रम तो दूसरा ढूँढती है
जबकि टूट जायें सारे भ्रम तो ज़िंदगी की जरूरत नहीं







 

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