Wednesday, April 25, 2018



सब मुल्कों से नेक है भारत
नागरिकों के नेक होने से मुल्क नेक होता है - हम नेक होंगे तो मुल्क़ नेक होगा

दोषारोपण - भारत पर नहीं
अगर भारत अच्छा नहीं लगता तो समझो हम अच्छे नहीं हैं - दोष हमारा है

ग़र जला दो आशियां मेरा - हम फिर नया बसायेंगे
विध्वंस से अच्छा सृजन होता - साबित कर दिखायेंगे

एहसान जब जताता है कोई - उस लम्हें पर खेद होता है
उस एहसान करने वाले का - जब एहसान लिया होता है

व्यक्ति जो करोड़ों के लिए पूज्यनीय था
कामुकता की कितनी बड़ी सजा है - अब पीढ़ी पर कलंक जाना जाएगा


जीवन का वरदान था सुशोभित मैं - करोड़ों की आस्था पर था
ये कैसी चूक मैंने की - अब जीवन मेरा चुकता कारावास में है

अगर आसाराम होते - क्या वह आस्था पर मिले विशेषाधिकार को खोना पसंद करते??
शायद हम इसे बहुत जिम्मेदारी का दायित्व मानते


 

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