अपनी अपेक्षा पूरी न होती हमसे तो - बुरा कहते हैं हमें
हमारा अपने हितों को समझना - इसमें बुरा क्या है ??
अपनी अपेक्षा पूरी न होती हमसे तो - बुरा कहते हैं हमें
हमारा अपने हितों को समझना - इसमें बुरा क्या है ??
सुधररहे संबंधोंमें जल्दबाज़ी-उतावलीसे अतिक्रियाशील होना उचितनहीं
बिगड़तेसंबंधोंमें बचाव केलिए शीघ्रता से क्रियाशील होना उचित होताहै
मिलने की इजाज़त देगी ज़िंदगी तो - आपसे जरूर मिलेंगे
मग़रूर कोई नहीं होता - बस वक़्त कभी सिकंदर होता है
जिसे पा नहीं सकते - उससे भी प्यार रखने में कोई रोक नहीं
दिल विशाल होता है - पूरी दुनिया के लिए प्यार रख सकते हैं
अपना होना या बनाना - कभी एकपक्षीय नहीं होता है
अपना किसी का बन जाना - आचरण पर निर्भर होता है
हमारा अपने हितों को समझना - इसमें बुरा क्या है ??
अपनी अपेक्षा पूरी न होती हमसे तो - बुरा कहते हैं हमें
हमारा अपने हितों को समझना - इसमें बुरा क्या है ??
सुधररहे संबंधोंमें जल्दबाज़ी-उतावलीसे अतिक्रियाशील होना उचितनहीं
बिगड़तेसंबंधोंमें बचाव केलिए शीघ्रता से क्रियाशील होना उचित होताहै
मिलने की इजाज़त देगी ज़िंदगी तो - आपसे जरूर मिलेंगे
मग़रूर कोई नहीं होता - बस वक़्त कभी सिकंदर होता है
जिसे पा नहीं सकते - उससे भी प्यार रखने में कोई रोक नहीं
दिल विशाल होता है - पूरी दुनिया के लिए प्यार रख सकते हैं
अपना होना या बनाना - कभी एकपक्षीय नहीं होता है
अपना किसी का बन जाना - आचरण पर निर्भर होता है
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