Sunday, April 29, 2018

सौ साल पहले दुनिया में और लोग थे
वे, उनके किये अच्छे-बुरे इतिहास हुए हैं
आज हम सभी-कल कोई और होंगे
कर सके अच्छा तो-हम यादगार होंगे

सौ साल पहले दुनिया में और लोग थे
वे, उनके किये अच्छे-बुरे इतिहास हुए हैं
आज हम सभी-कल कोई और होंगे
कर सके अच्छा तो-हम यादगार होंगे


इस तरह न पढ़ें इतिहास कि हम आक्रोश से भर जायें
ख़ूनख़राबा पढ़ें और मरने-मारने का इतिहास दोहरायें

इस नज़रिये से हम पढ़ें कि - प्रेरित सृजन को हों
विध्वंस की नहीं हम - सृजन कि हम यादगार हों

मैं तुम्हारी ज़िंदगी को मेरे नज़रिये से देखने को नहीं कहता
मैं तुम्हारे नज़रिये से ज़िंदगीं को देखने की कोशिश करता हूँ


ज़िंदगी में खुश रहने के तुम्हारे अपने तरीक़े हैं
मेरे तरीक़े से ज़िंदगी जियो तुम कहना मुनासिब नहीं

बेशक़ , ज़िंदगी में - खुश तुम और ख़ुश हम रहें
औरों की ख़ुशी रौंद कर - बस , हमें ख़ुशी न मिले





 

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