जो अजीज थे हमें - आज अजनबी हो गये
कल तक थे उनसे - मकसद सिध्द हो गये
ज़माने भर से उनकी - हम शिकायत करते रहे
उन्हें नापसंद सफाई देना - वे खामोश रह गये
अपनी को तो कहा - हमने मोहब्बत निभाना
मगर उनका निभाना देख - हम दंग रह गये
जिसे जाना था - वह मोहब्बत नहीं थी दोस्त
उनके दिए साथ से - मोहब्बत करना सीख गये
मोहब्बत मेरे दोस्त - शिकवे शिकायतों में नहीं
'फ़िक्र' यार की ख़ुशी हो - मोहब्बत होती है वहीं
इश्क जता उससे - महबूबा बनाया था हमने
बीबी जो हो गई - उससे मोहब्बत भूल गये
ज़माने भर के लोगों ने - मज़ाक बनाया है हमारा
कोई न मिला - तो हम बीबी को मज़ाक बना गये
जब हम अपने को - कुछ साबित ना कर सके , तब
सीख औरों से - सीख सकते हैं कुछ, साबित कर दिया
उठा औरों पे एक अँगुली - अपने पे चार देखी है
छोड़ बुराई औरों की - हमने दुरुस्त अपनी की है
उसे धोखा खाना क्यों कहूँ मैं
सबक सीखना कह सकता हूँ
न आह और न वाह - विवाह में
चाह मिलन की - ख़ुशी छिपी है
कि लायक हम नहीं हैं - लेकिन
जब जब कहा दुनिया को नालायक - हमने अपनी खीझ मिटाई है
रिवाज अजीब ये देखा है हमने
कान को नापसंद सुनना - कि तू नालायक है
पर जुबां को पसंद कहना - कि तू नालायक है
कल तक थे उनसे - मकसद सिध्द हो गये
ज़माने भर से उनकी - हम शिकायत करते रहे
उन्हें नापसंद सफाई देना - वे खामोश रह गये
अपनी को तो कहा - हमने मोहब्बत निभाना
मगर उनका निभाना देख - हम दंग रह गये
जिसे जाना था - वह मोहब्बत नहीं थी दोस्त
उनके दिए साथ से - मोहब्बत करना सीख गये
मोहब्बत मेरे दोस्त - शिकवे शिकायतों में नहीं
'फ़िक्र' यार की ख़ुशी हो - मोहब्बत होती है वहीं
इश्क जता उससे - महबूबा बनाया था हमने
बीबी जो हो गई - उससे मोहब्बत भूल गये
ज़माने भर के लोगों ने - मज़ाक बनाया है हमारा
कोई न मिला - तो हम बीबी को मज़ाक बना गये
जब हम अपने को - कुछ साबित ना कर सके , तब
सीख औरों से - सीख सकते हैं कुछ, साबित कर दिया
उठा औरों पे एक अँगुली - अपने पे चार देखी है
छोड़ बुराई औरों की - हमने दुरुस्त अपनी की है
उसे धोखा खाना क्यों कहूँ मैं
सबक सीखना कह सकता हूँ
न आह और न वाह - विवाह में
चाह मिलन की - ख़ुशी छिपी है
कि लायक हम नहीं हैं - लेकिन
जब जब कहा दुनिया को नालायक - हमने अपनी खीझ मिटाई है
रिवाज अजीब ये देखा है हमने
कान को नापसंद सुनना - कि तू नालायक है
पर जुबां को पसंद कहना - कि तू नालायक है
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