Sunday, January 14, 2018

बनते हैं निशानेबाज़ - निशाना नहीं आया है
बुराई को मार न सके - इंसान को उड़ाया है

प्रमाण पत्र देने की पात्रता नहीं - प्रमाण पत्र देते हैं
 पागल तो ख़ुद हैं मगर - औरों को पागल कहते हैं

बरगला के - नफ़रत की राह पर धकियाया है
मज़हबी बता ख़ुद को - मासूमों को सताया है

बिके हुये जिनके नाम - उन्हें हम देखते हैं
छिछोराई भी करते तो - पेट पकड़ हँसते हैं

तुमको मेरे लिखने में - मोहब्बत क्यों नहीं दिखती
मोहब्बत ही तो है - क़लम नफ़रत पे वार करती है

सिर्फ मेरी मोहब्बत से तुम - ख़ुश नहीं रह पाओगे
फ़िजा में रहे मोहब्बत की खुश्बू - क़ोशिश इसलिये है

कहते हैं - बेवफ़ाई कोई शायर बना देती है
मेरे दिल में सिर्फ़ मोहब्बत है - शायर मैं न बन सका

जितने लम्हों में - पैग़ामे मोहब्बत दिया 
सिर्फ उतने लम्हों की - ज़िंदगी मेरी है

"लौट के जो घर नहीं" आये - का मातम तो होता है
"लौट के जो घर नहीं" पहुँच सके - उनको कोई रोता है??

मैं चुप रहता जब - बात दो दिलों को दूर कर सकती है
मैं बोल पड़ता जब - दो दिलों को मिलाने की बात होती है

तुम - मेरी यादों में क्यों खोये रहते हो
दिल में रखते हैं - मेरे दिल की तुम महसूस करो






 

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