Thursday, May 7, 2015

पाँच वर्ष -जेल

पाँच वर्ष -जेल
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सहानुभूति उससे ,उस परिवार से जो ,परिजन जिसका मारा गया है
सहानुभूति उससे ,उस परिवार से जिसे सजा से पीड़ित अब होना है

लेकिन आवाक हम साक्षी हो कर, ड्राइवर कहता मै गाड़ी चला रहा था 
विश्वासघात है उस अभिनेता का ,जिसे देश हीरो कह सर चढ़ा रहा था

सजा भुगतने का नैतिक साहस स्वयं ,यदि हम अपराधी हो ना ला पाएंगे
हम भुगतते बुरी परिस्थिति देश में स्वयं ,उसमें सुधार कभी ना ला पायेंगे

हुआ देश में लोकप्रिय ,उस राष्ट्र ऋणी से आदर्श -नैतिकता की आशा है 
अपने अपराध के प्रायश्चित ,सजा भुगतने का साहस रखने की आशा है

टीआरपी के लिए ,किये व्यर्थ 10 करोड़ मानव घंटे उस मीडिया से कहना है
सजा हुई अपराधी को इस समाचार से स्वस्थ वातावरण निर्माण न होना है

नैतिक दायित्व मानने की जब तक भावना नहीं आएगी
अपराध -बुराई न कम होंगे पीढ़ी त्रासदी सहते ही जाएगी

पसंद -नापसंद से अलग हमें सोचना है। कुचल दिए जाने से जिसने मर के पूरा जीवन खो दिया है , उसकी तुलना में , हादसे के जिम्मेदार के लिए ,पाँच वर्ष प्रायश्चित को देना ,क्या ज्यादा खोना है ?  ऐसी कितनी सजा के फैसलों का जिक्र ,मीडिया पूरे-पूरे दिन चलाती है ? क्या , टीआरपी ही एक समस्या है? इस देश -समाज के लिए उसकी कोई अन्य जिम्मेदारी नहीं ? और हम क्यों इतने जिज्ञासु हैं ? ग्लैमर से घिरे होकर ,50 वर्ष की उम्र तक अविवाहित रह , सम्पर्क में रही नारियों के साथ जो करता रहा है - वह क्या नारी सम्मान है?  सारे प्रश्नों के प्रति चेतना हममें होनी चाहिए।
--राजेश जैन
07-05-2015

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