ना बचेगी बहन-बेटी
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साठ करोड़ नारी हैं
सवा अरब के देश में
कुछ ही खुश जीवन से
दुखी अनेक नारी वेश में
अनुकूल जीवन कुछ का
बाकि जूझती हैं देश में
संकट लाज पे
भेड़िया मिलता पुरुष भेष में
नारी सम्मान रखते कुछ
नहीं विवेक है शेष में
जब तक असुरक्षित है नारी
उन्नति नहीं है देश में
भ्रूण हत्यायें , छेड़छाड़ ,शीलभंग
नित होते हैं देश में
दृष्टि न होगी भाई सी तो
ना बचेगी बहन-बेटी देश में
पावन माटी , भव्य संस्कृति
बहती गंगा है देश में
धिक्कार , घोल दिया विष
स्वार्थियों ने परिवेश में
--राजेश जैन
30-05-2015
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साठ करोड़ नारी हैं
सवा अरब के देश में
कुछ ही खुश जीवन से
दुखी अनेक नारी वेश में
अनुकूल जीवन कुछ का
बाकि जूझती हैं देश में
संकट लाज पे
भेड़िया मिलता पुरुष भेष में
नारी सम्मान रखते कुछ
नहीं विवेक है शेष में
जब तक असुरक्षित है नारी
उन्नति नहीं है देश में
भ्रूण हत्यायें , छेड़छाड़ ,शीलभंग
नित होते हैं देश में
दृष्टि न होगी भाई सी तो
ना बचेगी बहन-बेटी देश में
पावन माटी , भव्य संस्कृति
बहती गंगा है देश में
धिक्कार , घोल दिया विष
स्वार्थियों ने परिवेश में
--राजेश जैन
30-05-2015
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