Monday, May 25, 2015

कन्या भ्रूण हत्या , ऑनर किलिंग

कन्या भ्रूण हत्या , ऑनर किलिंग
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नारी पुरुष के साथ विभिन्न रिश्तों में गुँथी हर परिवार की सदस्या है। ऐसे में हर वह ,चेतना /प्रेरणा जो नारी का सम्मान बढ़ाती है , नारी के प्रसन्न रहने से परिवार में खुशहाली लाती है। अपने परिवार की नारी का देश/समाज में सम्मान और सुरक्षा यदि सुनिश्चित होता है तो पुरुष सदस्य (पिता /भाई /पति) भयमुक्त हो जाता है , और ऐसे निर्भीक नारी- पुरुष राष्ट्र निर्माण में ज्यादा योगदान कर सकते हैं .समाज में सुनिश्चित नारी सम्मान , कन्या भ्रूण हत्या , ऑनर किलिंग की प्रवृत्ति कम कर सकता है। नारी पर प्रचलित अनेकों रोकटोक कम करने में सहायक हो सकता है। नारी के यथोचित सम्मान के माध्यम से , देश और समाज में सोहाद्र और परस्पर विश्वास बढ़ाया जा सकता है। अनुकूल परिस्थितियाँ मिलने से नारी परिवार और समाज में पुरुष जैसा ही असीमित योगदान करते हुए , मनुष्य होने से पुरुष जैसी समानता (अधिकार) प्राप्त कर सकती है।
ये सब हो सकता था ,यदि फ़िल्में  , टीवी प्रोग्राम और मीडिया से प्रसारित प्रस्तुतियों इस लक्ष्य से निर्मित होतीं । इनका प्रसारण घर-घर पहुँचता है। खेद , जो प्रसारित किया गया/ जा रहा है वह दुष्प्रेरित करता है। आज ,घर से बाहर ,पुरुष नज़रें नारी पर पड़ती है तो  उसमें सेक्स रिलेशन की संभावना खोजती है। यही -नारी विरुध्द बढ़ते अपराधों का मूल कारण है।
फ़िल्मी सेलिब्रिटीज को इस देश ने प्रतिष्ठा और बेहिसाब धन दिया है। किन्तु 'अहसानफरामोश' इन्होने बदले में - समाज में नारी के जीने को अत्यंत चुनौतीपूर्ण कर दिया है । अब गर्लफ्रेंड -बॉयफ्रेंड की परम्परा 6-8 वर्ष के बच्चों से लेकर 80 साल के बूढ़ों तक में पहुँच गई है। सेक्स प्रवृत्ति की इस अति से परिवार/समाज/देश अशांत है .
कब मोहभंग होगा , कब भ्रमित करती सेलिब्रिटीज के प्रति हमारा सम्मोहन टूटेगा ? कब इन्हें ऐसा पेश करने को हम बाध्य कर सकेंगे जो समाज हित में हो ?कब इन्हें इस तर्क की आड़ लेने से रोक सकेंगे ,कि जो दर्शक को पसंद , हम वह प्रस्तुत करते हैं ? कब ,इन्हें प्रदत्त ख्याति (हीरो) अनुरूप समाज उत्तरदायित्व निभाने को हम मजबूर करेंगे ?
--राजेश जैन
25-05-2015

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