विकल्प
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आज से ज्यादा अच्छा कल हो ,हमारा
इस विकल्प की तलाश जीवन होता है
अपना ही नहीं ,सभी के सुख में ,हमारा
सच्चे सुख से गुंथा-बुना जीवन होता है
नारी साथ से गुंथा-बुना जीवन ,हमारा
नारी सुखी तब ही सुखी जीवन होता है
लक्ष्य ,सम्मान नारी जीवन में ,हमारा
सम्मानित चलता मधुर जीवन होता है
सांस्कृतिक परंपरा के विकल्प रूप में
सिनेमा ने जैसा प्रस्तुत कर पाया है
नारी सम्मान की उड़ी धज्जियां देश में
बुरी दृष्टि से नारी ने अपमान पाया है
या बदलें सिनेमा के चाल चलन हम
या दिखाना बंद करें बच्चों को हम
स्वार्थ वशीभूत प्रसारित करते जो ये
नारी सम्मान करना भूल गये हैं हम
--राजेश जैन
27-05-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman
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