Thursday, May 7, 2015

संत ,नेता ,अभिनेता ,मीडियाकार - सभी ने न्यायलय में झूठ बोला है

संत ,नेता ,अभिनेता ,मीडियाकार - सभी ने न्यायलय में झूठ बोला है
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अपराध हुआ उसकी सजा माँगने का साहस लायेंगे
अपराध कम होंगेस्वतः ही समाज शांति ला पायेंगे  
अनुशरण कर मान की पगड़ी जैसे सिर पर अपने धारण किया है
दायित्व समाज प्रति होते उनके अनुकूलतायें इनसे प्राप्त किया है 
भूल हुई मुझसे न्यायलय समक्ष गर स्वयं स्वीकार कर पायेंगे
स्वस्थ परम्परा अपने समाज को दे ऋण राष्ट्र का चुका पायेंगे
कैसी माटी हो रही देश की ,कैसा नमक इसका हो गया है
संत ,नेता ,अभिनेता मीडियाकार बना झूठों का पुतला है
दो आँखों के होते हुए भी क्यों हम पर ऐसा अंधत्व छाया है
दिख जाए जो अंधे को वह ,सच ढोंग हमने न देख पाया है
ऐसे स्वार्थ ऐसी लाचारी अपने में गर पैदा कर ली है
हक ना रह गया रोने का गर बुराई परेशान कर रही है
आव्हान
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मनुष्य हो मनुष्य होने की ताकत अपनी पहचान जाओ
नारी -निर्धन पर दया कर मनुष्य हो मनुष्य बन जाओ
--राजेश जैन
08-05-2015

 

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