Wednesday, April 3, 2013

अविश्वसनीय ,अकल्पनीय

अविश्वसनीय ,अकल्पनीय 
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आधी से अधिक समस्या और बुराई अस्तित्वहीन हो जायें यदि हमारी विचार और सिध्दांत कुछ इस प्रकार हो जायें ...
(अ) .. अगर हम विवाहित पुरुष हैं तो विपरीत लिंगीय की हमारे जीवन में आवश्यकता ...
      (i) .. अंतरंग सम्बन्धों के लिए साथी ... अगले जन्म तक नहीं , पत्नी है अतः   नया साथ (अगले जन्म तक स्थगित)
      (ii) .. बहिन ,बेटी या माँ जैसा साथी ...   इसी जन्म में अनेकों हो सकते हैं , जहाँ तक किसी पर अनावश्यक बोझ ना बनें .

(ब) .. अगर हम विवाहित नारी  हैं तो विपरीत लिंगीय की हमारे जीवन में आवश्यकता ...
      (i) .. अंतरंग सम्बन्धों के लिए साथी ... अगले जन्म तक नहीं ,पति है अतः   नया साथ (अगले जन्म तक स्थगित)
      (ii) .. भाई,बेटे या पिता जैसा साथी ...   इसी जन्म में अनेकों हो सकते हैं , जहाँ तक किसी पर अनावश्यक बोझ ना बनें .

(स) .. अगर हम अविवाहित पुरुष /नारी  हैं तो विपरीत लिंगीय की हमारे जीवन में आवश्यकता ...
      (i) .. अंतरंग सम्बन्धों के लिए साथी ... एक की तलाश , लेकिन इसमें छल और धोखे को स्थान नहीं .
      (ii) .. भाई,बेटे या पिता जैसा साथी ...   इसी जन्म में अनेकों हो सकते हैं , जहाँ तक किसी पर अनावश्यक बोझ ना बनें .

मनुष्य अकेला ऐसा प्राणी है जिसने एक परिवार में जीवनयापन की कल्पना और ऐसे समाज का विकास किया . इसके बाद भी अनेकों ने प्राचीन काल से आज तक चित चंचलता के वशीभूत अपने लिए बहु-अंतरंगता और ऐसे साथियों के लिए छिपे तौर पर और कहीं उजागर (बेशरमी से ) तौर मर्यादाहीन आचरण किया है.
 समाज में आधी सी अधिक समस्या और बुराई के मूल में यह प्रवृत्ति ही कारण है . इस कमजोरी पर अगर हम नियंत्रण करें तो समाज शाँत और आज की बुराई को बहुत कम स्तर पर ला सुखी हो सकता है .
एक बारगी ऐसा हो जाये यह अविश्वसनीय और अकल्पनीय लगता है . पर किसी एक के लिए यह भारी कार्य असंभव होते हुए यह अनेकों के लिए बँट जाने से छोटा कर्म है . सभी इसे सरलता से कर सकते हैं . जिस दिन बहुसंख्यक ऐसा ठान लेंगे सामाजिक असंतुलन दूर होगा .एक स्व-संतुलित और सुखी समाज का मार्ग प्रशस्त होगा ...

आप इनमें से किस विकल्प को चुनेंगे ?
 या 
आज अन्य अनेकों इन से अलग विकल्प पर जैसा चल रहे हैं .. आप भी उसी पर चलना जारी रखेंगे ?
 

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