Wednesday, April 24, 2013

वंचितों की सहायता

वंचितों की सहायता
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आज बहुत कुछ विषय आर्थिक स्थिति पर निर्भर हो गए हैं .  ऐसे में अत्यंत आर्थिक अभावों में शारीरिक और मानसिक कष्ट दोनों ही बढ़ भी जाते हैं . किन्तु समाज में  अगर कोई इस स्थिति में  है कि हजार ,दो हजार मासिक भी अन्य जरुरत मंदों पर व्यय ना कर सके तो भी बिना आर्थिक सहायता के आर्थिक अभावों से जूझ रहे व्यक्ति (यों) के मानसिक कष्ट कम कर सकता है .


आर्थिक अभावों में रह रहे व्यक्ति की मानसिक शांति दो कारणों से प्रभावित होती है . 

एक ... जीवन अनिश्चिताओं में उसके वर्तमान और निकट भविष्य की आवश्यकताओं की पूर्ती कैसे संभव हो सकेगी ? इसकी चिंताएं .
दो ...  मनुष्य होने का आत्म-सम्मान , स्वाभिमान अनुरूप सम्मान अन्य के द्वारा नहीं किया जाना . 
(हम अपनी सफलता ,अनुकूलताओं और व्यस्तताओं में खोकर गरीब की इस मनः स्थिति को समझते नहीं हैं . फिर बिना प्रयोजन अपने व्यवहार से उसे मानसिक पीड़ा पहुंचा देते हैं .)

एक में उल्लेखित वंचित की समस्या समाधान के लिए हम में से बहुत ,बहुत कुछ नहीं कर सकते हैं क्योंकि मध्यम वर्गीय स्वयं बहुत निश्चितताओं  में जीवन यापन नहीं करता है .पर दो में उल्लेखित समस्या जिसमें धन नहीं लगता ऐसे मीठे बोल और सहज व्यवहार वंचितों को देकर उनकी मानसिक पीडाओं को बहुत सीमा तक कम किया जा सकता है .

अगर हम ऐसा कर सकें तब भी सामाजिक समस्याओं को बहुत कम कर सकते हैं . समाज में मानसिक कष्ट अगर कम होगा तो हानिकर मानसिक ग्रंथियां ,मानसिक व्याधियाँ और विकृतता कम होगी . और बिना ज्यादा धन व्यय के भी वंचितों की सहायता संभव हो सकेगी .

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