Saturday, April 6, 2013

स्वास्थ्यवर्धक सेवन


स्वास्थ्यवर्धक सेवन 
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स्वास्थ्य अच्छा होना साधारण बात है . और ख़राब हो जाना असाधारण बात है .जीवन जारी रखने के लिए उपयुक्त भोज्य सेवन आवश्यक है . रुग्णता आ जाने पर औषधि सेवन आवश्यक हो जाता है . 
इसलिए भोज्य और औषधि दोनों सेवन करने पड़ते हैं . लेकिन साधारणतः  भोज्य सेवन जिसमें आनंद भी है किया जाता है .(औषधि सेवन शायद ही आनंददायक होता हो )
 
उसी प्रकार मनुष्य समाज को एक जीव जैसा देखें तो उसके जीवन के लिए भी सेवन आवश्यक हैं . एक सेवन भोज्य है जो समाज के अंग मनुष्यों के ह्रदय में सदभाव और सद्विचार के माध्यम से मनुष्य समाज साधारण रूप से सेवन कर स्वस्थ जीवन जारी रखता है . मनुष्य समाज में रुग्णता की स्थिति में जो सेवन कर उसे पुनः स्वस्थ बनाया जा सके उसके लिए औषधीय रूप में कानून-व्यवस्था की सख्ती का सेवन करना होता है . 

और औषधिक सेवन निरंतर नहीं यदाकदा ही उचित है यह आनंददायी नहीं होता इसलिए इसका निर्माण (कानून-व्यवस्था का ढांचा ) किया तो जाना चाहिए पर उपयोग की परिस्थिति ना बन पायें यह प्रयास होने चाहिए .

आशय स्पष्ट है .. मानव  ह्रदय में सदभाव और सद्विचार बनें इनकी निरंतरता हो . जिसका सेवन मनुष्य समाज नियमित कर आनंद उठाता रहे . यह आवश्यक है . 

इसके लिए हम मनुष्य समाज के सदस्य होने के कारण हमारा कर्तव्य है हम अपने ह्रदय में सदभाव और सद्विचार को लुप्त ना होने दें .
सही भोज्य सेवन ना करने से रुग्णता आ घेरेगी यह अंदेशा होता है . फिर सही औषधि मिल सकेगी या नहीं इसमें संदेह भी रहेगा .अतः हम स्वयं अच्छे बनने के प्रति जागृत रहें यह हमारे आनंदमय जीवन के लिए उपयुक्त है .

हम इस तरह की जागृति प्रदर्शित ना करें और कानून व्यवस्था पर जीवन आनंद की पूरी तरह निर्भरता रखें .ऐसी सोच  हमारे आनंदमय जीवन कल्पना और अपेक्षा को क्षति ही पहुचायेगा .

हमारे (जो इस तरह लिखते  ,सोचते  और जीवन जीते हैं ) लेखन प्रस्तुतियों  में  धन और मान बढ़ाने के उपायों  का ना होना किसी के मन में यह संदेह कर सकता है कि शायद हम दृष्टि दोष के शिकार हैं जो इसमें  जीवन आनंद को देख ही नहीं पा रहे हैं . और इस तरह के जीवन सुख से वंचित हो रहे हैं .
किसी को भी ऐसी शंका हो तो उनसे हमारा अनुरोध है ,कृपया वो जीवन को इस दृष्टिकोण से देखें समझें ,जिससे हम इसे देख पाते हैं .... वैभव और मान के साथ ऐसे त्याग और जीवन लक्ष्य भी अति आनंद श्रोत होते हैं 


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