Wednesday, April 29, 2015

नारी नहीं है नारी की दुश्मन …

नारी नहीं है नारी की दुश्मन …
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क्यों ?कहते सब उसे नारी की दुश्मन वह नारी हितैषी होती है
नारी नहीं है नारी की दुश्मन, पुरुष की भी शुभचिंतक होती है

अपने कन्या भ्रूण की हत्या को स्वेच्छा से क्या वह जाती है ?
नारी नहीं है नारी की दुश्मन ,संतान की वह शुभचिंतक होती है

बेटी -बहन का भला है इसलिए ,बाहर निकलने को रोकती है ?
नारी नहीं है नारी की दुश्मन ,वह जग की शुभचिंतक होती है

प्रेम में पड़ वह अनुराग न रखती ,क्या चाहत को धोखा देती है ?
नारी नहीं है नारी की दुश्मन ,प्रेम की देवी, शुभचिंतक होती है

परिवार में धन विषय -पुरुष का ,दहेजकामना क्या वह करती है ?
नारी नहीं है नारी की दुश्मन , बेटी पिता की शुभचिंतक होती है

गृह हिंसा में पिटती पुरुष से ,पति से क्या वह पिटना चाहती है ?
नारी नहीं है नारी की दुश्मन ,प्रेमप्यासी, पति शुभचिंतक होती है

आकर्षक परिधान पुरुष जैसा क्या नारी की इक्छा नहीं होती है ?
नारी नहीं है नारी की दुश्मन , सुंदर समाज की शुभचिंतक होती है

सम्मान हर व्यक्ति को प्यारा , क्या नारी अपवाद हो सकती है ?
नारी नहीं है नारी की दुश्मन , वह शिष्टाचार शुभचिंतक होती है

करते करवाते बुरा उसका ,कहते नारी ही नारी की दुश्मन होती है
नारी नहीं है नारी की दुश्मन , नारी सृष्टि की शुभचिंतक होती है
--राजेश जैन
30-04-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman

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