Thursday, April 16, 2015

पुरुष सम्मान प्रतीक
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थी नहीं कभी , नहीं है, नारी
नहीं खुदगर्ज उन्हें होने देंगे
अपनी थी ,अपनी है नारी
पीड़ा में ना अकेले होने देंगे

नारी समस्या न सिर्फ नारी की
उसे न अकेले पड़ने देंगे
नारी है सदा से अपनी उनकी
समस्या में अपनापन देंगे

सम्मान प्रश्न सीमित होते
अपने पे , हम उसे बदल देंगे
उनके सम्मान सम्मिलित होते 
ऐसी हम नई संस्कृति देंगे

शत्रु नहीं पुरुष की ,नारी
उसे लड़ने पे बाध्य न होने देंगे
समस्या एवं लड़ाई आपस में
को हम चर्चा में सुलझा लेंगे

शिक्षित पुरुष एकत्रित हो कर
हम पुरुष नवचेतना लायेंगे
नारी चेतना सम्मान सुरक्षा को
पुरुष सम्मान प्रतीक बनायेंगे
--राजेश जैन
17-04-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman

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